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जलवायु बदल रही है, बीमारियाँ भी: ज़ूनोटिक रोगों पर बढ़ता मौसम का असर
जलवायु बदल रही है, बीमारियाँ भी: ज़ूनोटिक रोगों पर बढ़ता मौसम का असर

By Divendra Singh

जलवायु परिवर्तन सिर्फ मौसम को नहीं, बल्कि जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारियों के खतरे को भी गहराई से प्रभावित कर रहा है। दुनिया भर के 200 से अधिक अध्ययनों के विश्लेषण से पता चलता है कि तापमान, बारिश और नमी ज़ूनोटिक रोगों के फैलाव में अहम भूमिका निभाते हैं, हालांकि यह प्रभाव हर बीमारी और हर क्षेत्र में अलग-अलग दिखाई देता है। यह शोध भविष्य की महामारी तैयारियों के लिए एक अहम चेतावनी है।

जलवायु परिवर्तन सिर्फ मौसम को नहीं, बल्कि जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारियों के खतरे को भी गहराई से प्रभावित कर रहा है। दुनिया भर के 200 से अधिक अध्ययनों के विश्लेषण से पता चलता है कि तापमान, बारिश और नमी ज़ूनोटिक रोगों के फैलाव में अहम भूमिका निभाते हैं, हालांकि यह प्रभाव हर बीमारी और हर क्षेत्र में अलग-अलग दिखाई देता है। यह शोध भविष्य की महामारी तैयारियों के लिए एक अहम चेतावनी है।

Winter Pollution Alert: सर्दियों में हवा क्यों बन जाती है ज़हर? जानें कैसे बढ़ाएं इम्यूनिटी और बचाव के उपाय
Winter Pollution Alert: सर्दियों में हवा क्यों बन जाती है ज़हर? जानें कैसे बढ़ाएं इम्यूनिटी और बचाव के उपाय

By Preeti Nahar

सर्दियों की हवा इतनी ज़हरीली क्यों हो जाती है? कौन-कौन सी खतरनाक बीमारियाँ हमारे शरीर में चुपचाप घर कर लेती हैं? और सबसे ज़रूरी हम खुद और अपने परिवार को इस जहरीली हवा से कैसे बचा सकते हैं? ये जानिए King George Medical University, लखनऊ के पल्मोनरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) वेद प्रकाश से।

सर्दियों की हवा इतनी ज़हरीली क्यों हो जाती है? कौन-कौन सी खतरनाक बीमारियाँ हमारे शरीर में चुपचाप घर कर लेती हैं? और सबसे ज़रूरी हम खुद और अपने परिवार को इस जहरीली हवा से कैसे बचा सकते हैं? ये जानिए King George Medical University, लखनऊ के पल्मोनरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) वेद प्रकाश से।

थाली तक पहुँचने से पहले, क्या फ़सलों में एंटीबायोटिक हमारी सेहत को खतरे में डाल रहे हैं?
थाली तक पहुँचने से पहले, क्या फ़सलों में एंटीबायोटिक हमारी सेहत को खतरे में डाल रहे हैं?

By Divendra Singh

FAO की एक रिपोर्ट ने भारत में बागवानी और फसल उत्पादन में एंटीबायोटिक के इस्तेमाल पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। किसान की फसल बचाने की मजबूरी और उपभोक्ता की सेहत के बीच यह संतुलन कैसे बने, इसी पड़ताल की यह ज़मीनी कहानी।

FAO की एक रिपोर्ट ने भारत में बागवानी और फसल उत्पादन में एंटीबायोटिक के इस्तेमाल पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। किसान की फसल बचाने की मजबूरी और उपभोक्ता की सेहत के बीच यह संतुलन कैसे बने, इसी पड़ताल की यह ज़मीनी कहानी।

रोज़ाना पीने वाली प्लास्टिक बोतलें हमारे शरीर को धीरे-धीरे बीमार कर रही हैं
रोज़ाना पीने वाली प्लास्टिक बोतलें हमारे शरीर को धीरे-धीरे बीमार कर रही हैं

By Gaon Connection

भारत के वैज्ञानिकों ने पहली बार साबित किया है कि सिंगल-यूज़ PET बोतलों से निकलने वाले नैनोप्लास्टिक इंसानी शरीर के जरूरी सिस्टम को नुकसान पहुँचा रहे हैं। यह अदृश्य कण हमारी gut health, खून और सेल्स तक को धीमे-धीमे कमजोर कर रहे हैं, बिना हमें महसूस हुए।

भारत के वैज्ञानिकों ने पहली बार साबित किया है कि सिंगल-यूज़ PET बोतलों से निकलने वाले नैनोप्लास्टिक इंसानी शरीर के जरूरी सिस्टम को नुकसान पहुँचा रहे हैं। यह अदृश्य कण हमारी gut health, खून और सेल्स तक को धीमे-धीमे कमजोर कर रहे हैं, बिना हमें महसूस हुए।

ग्रामीण भारत की बड़ी चुनौती: आज भी अधूरी चिकित्सा व्यवस्था
ग्रामीण भारत की बड़ी चुनौती: आज भी अधूरी चिकित्सा व्यवस्था

By Dr SB Misra

गाँव में आज भी चिकित्सा व्यवस्था संतोषजनक नहीं है। 70% आबादी गाँवों में रहती है, लेकिन डॉक्टरों का सिर्फ़ 26% हिस्सा वहां उपलब्ध है। अस्पतालों की कमी, दवाइयों का अभाव, झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला और तेजी से बढ़ती शहरी बीमारियां, ग्रामीण स्वास्थ्य को बड़ी चुनौती के रूप में खड़ी कर रही हैं।

गाँव में आज भी चिकित्सा व्यवस्था संतोषजनक नहीं है। 70% आबादी गाँवों में रहती है, लेकिन डॉक्टरों का सिर्फ़ 26% हिस्सा वहां उपलब्ध है। अस्पतालों की कमी, दवाइयों का अभाव, झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला और तेजी से बढ़ती शहरी बीमारियां, ग्रामीण स्वास्थ्य को बड़ी चुनौती के रूप में खड़ी कर रही हैं।

वीडियो में जानें कैसे नमूना लेकर करा सकते हैं मिट्टी की जांच
वीडियो में जानें कैसे नमूना लेकर करा सकते हैं मिट्टी की जांच

By गाँव कनेक्शन

मिट्टी की जांच सिर्फ खेतों की उर्वरा क्षमता जानने के लिए ही ज़रूरी नहीं, बल्कि ये जानने के लिए भी ज़रूरी है कि ज़मीन में किन पोषक तत्वों की कमी है। ताकि वही खाद खेतों में डाली जा सके, जिसकी वाकई मिट्टी को ज़रूरत है।

मिट्टी की जांच सिर्फ खेतों की उर्वरा क्षमता जानने के लिए ही ज़रूरी नहीं, बल्कि ये जानने के लिए भी ज़रूरी है कि ज़मीन में किन पोषक तत्वों की कमी है। ताकि वही खाद खेतों में डाली जा सके, जिसकी वाकई मिट्टी को ज़रूरत है।

मिट्टी जांच की इस तकनीक से कुछ सेकेंड में पता चल जाएगा आपके खेत में है किस तत्व की कमी
मिट्टी जांच की इस तकनीक से कुछ सेकेंड में पता चल जाएगा आपके खेत में है किस तत्व की कमी

By Divendra Singh

अभी तक मिट्टी जांच में काफी समय लग जाता है, भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान (आईआईएसएस), भोपाल ने नई तकनीक विकसित की है, जिससे कुछ ही सेकेंड में मिट्टी जांच का परिणाम आ जाएगा।

अभी तक मिट्टी जांच में काफी समय लग जाता है, भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान (आईआईएसएस), भोपाल ने नई तकनीक विकसित की है, जिससे कुछ ही सेकेंड में मिट्टी जांच का परिणाम आ जाएगा।

Ground reality of soil health card scheme: No field sample taken, but reports reach farmers
Ground reality of soil health card scheme: No field sample taken, but reports reach farmers

By Mithilesh Dhar

The ambitious scheme of Prime Minister Narendra Modi for checking the soil from the field is facing glitches. The concerned officials send reports to farmers without even collecting samples. Not just this, a single field gets multiple and varied reports

The ambitious scheme of Prime Minister Narendra Modi for checking the soil from the field is facing glitches. The concerned officials send reports to farmers without even collecting samples. Not just this, a single field gets multiple and varied reports

Mobile Soil Testing Units Benefit Farmers; No More Waiting for Days to Know Soil Health
Mobile Soil Testing Units Benefit Farmers; No More Waiting for Days to Know Soil Health

By Gaon Connection

Many farmers in Karnataka are using mobile soil testing units of Krishi Tantra. KrishiRASTAA, a portable automated system, that uses soil as an input, provides macro and micro nutrients reports within 45 minutes.

Many farmers in Karnataka are using mobile soil testing units of Krishi Tantra. KrishiRASTAA, a portable automated system, that uses soil as an input, provides macro and micro nutrients reports within 45 minutes.

Agricultural soil is in poor health
Agricultural soil is in poor health

By Arvind Shukla

Indiscriminate use of chemical fertilizers and pesticides, accompanied by the reduced use of green manure, has left the agricultural soil health poorer. The issue is so serious that Prime Minister Narendra Modi, in his Independence Day speech, requested farmers to reduce the use of chemical fertilizers and pesticides

Indiscriminate use of chemical fertilizers and pesticides, accompanied by the reduced use of green manure, has left the agricultural soil health poorer. The issue is so serious that Prime Minister Narendra Modi, in his Independence Day speech, requested farmers to reduce the use of chemical fertilizers and pesticides

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