0

जब नृत्य बन जाता है साधना: भील समुदाय का आदिवासी होली
जब नृत्य बन जाता है साधना: भील समुदाय का आदिवासी होली

By Divendra Singh

होली से पहले उपवास, पहाड़ से लाए गए पत्थरों के रंग और ढोलक-नगाड़ों की थाप, महाराष्ट्र के भील आदिवासियों का होली नृत्य सिर्फ़ उत्सव नहीं, एक जीवित परंपरा है। नंदूरबार के कलाकार गौतम खर्डे और उनकी मंडली इस लोककला को गाँव से राष्ट्रीय मंच तक पहुँचा रहे हैं।

होली से पहले उपवास, पहाड़ से लाए गए पत्थरों के रंग और ढोलक-नगाड़ों की थाप, महाराष्ट्र के भील आदिवासियों का होली नृत्य सिर्फ़ उत्सव नहीं, एक जीवित परंपरा है। नंदूरबार के कलाकार गौतम खर्डे और उनकी मंडली इस लोककला को गाँव से राष्ट्रीय मंच तक पहुँचा रहे हैं।

जब गाँव बदले, खेती बदली और किसान अकेला पड़ गया
जब गाँव बदले, खेती बदली और किसान अकेला पड़ गया

By Dr SB Misra

भारत की खेती 10,000 साल पुरानी है, लेकिन आज किसान अपने ही खेत में असहाय खड़ा है। कैसे विकास के गलत मॉडल, रसायनिक खेती और नीतिगत खैरात ने किसान को आत्मनिर्भर से आश्रित बना दिया।

भारत की खेती 10,000 साल पुरानी है, लेकिन आज किसान अपने ही खेत में असहाय खड़ा है। कैसे विकास के गलत मॉडल, रसायनिक खेती और नीतिगत खैरात ने किसान को आत्मनिर्भर से आश्रित बना दिया।

छुप-छुप कर भजन सुनने वाली गीता पराग, आज तीन पीढ़ियों के साथ गाती हैं कबीर वाणी
छुप-छुप कर भजन सुनने वाली गीता पराग, आज तीन पीढ़ियों के साथ गाती हैं कबीर वाणी

By

मध्य प्रदेश के देवास ज़िले के एक छोटे से गाँव बिसलखेड़ी में रहने वाली गीता पराग की ज़िंदगी कभी घूंघट, डर और बंदिशों में सिमटी थी। छुप-छुप कर भजन सुनने वाली यह महिला आज निर्गुण संत कबीर की वाणी को खड़ताल और तम्बूर के साथ दुनिया के सामने गा रही हैं।

मध्य प्रदेश के देवास ज़िले के एक छोटे से गाँव बिसलखेड़ी में रहने वाली गीता पराग की ज़िंदगी कभी घूंघट, डर और बंदिशों में सिमटी थी। छुप-छुप कर भजन सुनने वाली यह महिला आज निर्गुण संत कबीर की वाणी को खड़ताल और तम्बूर के साथ दुनिया के सामने गा रही हैं।

कहानी बीजों की, मिट्टी की और एक किसान की जिसने भविष्य को बचाने की ठान ली
कहानी बीजों की, मिट्टी की और एक किसान की जिसने भविष्य को बचाने की ठान ली

By Gaon Connection

जब सिक्कों के बजाए “बीजों की गुल्लक” भरने वाला किसान बने देश की असली धरोहर। मध्य प्रदेश के गाँव में बाबूलाल दहिया ने जो दास्तान लिखी है, वो सिर्फ कृषि की नहीं, पहचान, संस्कृति और भविष्य की है। जानिए कैसे एक छोटे से सीड बैंक ने हज़ारों बीजों, बीत चुके वक़्त और आने वाली पीढ़ियों की ज़रूरतों को संजो रखा है।

जब सिक्कों के बजाए “बीजों की गुल्लक” भरने वाला किसान बने देश की असली धरोहर। मध्य प्रदेश के गाँव में बाबूलाल दहिया ने जो दास्तान लिखी है, वो सिर्फ कृषि की नहीं, पहचान, संस्कृति और भविष्य की है। जानिए कैसे एक छोटे से सीड बैंक ने हज़ारों बीजों, बीत चुके वक़्त और आने वाली पीढ़ियों की ज़रूरतों को संजो रखा है।

ग्रामीण भारत की बड़ी चुनौती: आज भी अधूरी चिकित्सा व्यवस्था
ग्रामीण भारत की बड़ी चुनौती: आज भी अधूरी चिकित्सा व्यवस्था

By Dr SB Misra

गाँव में आज भी चिकित्सा व्यवस्था संतोषजनक नहीं है। 70% आबादी गाँवों में रहती है, लेकिन डॉक्टरों का सिर्फ़ 26% हिस्सा वहां उपलब्ध है। अस्पतालों की कमी, दवाइयों का अभाव, झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला और तेजी से बढ़ती शहरी बीमारियां, ग्रामीण स्वास्थ्य को बड़ी चुनौती के रूप में खड़ी कर रही हैं।

गाँव में आज भी चिकित्सा व्यवस्था संतोषजनक नहीं है। 70% आबादी गाँवों में रहती है, लेकिन डॉक्टरों का सिर्फ़ 26% हिस्सा वहां उपलब्ध है। अस्पतालों की कमी, दवाइयों का अभाव, झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला और तेजी से बढ़ती शहरी बीमारियां, ग्रामीण स्वास्थ्य को बड़ी चुनौती के रूप में खड़ी कर रही हैं।

मध्य हिमालय में संकट का सायरन: आने वाले दशकों में 100 साल वाली बाढ़ हर 5 साल में लौटेगी
मध्य हिमालय में संकट का सायरन: आने वाले दशकों में 100 साल वाली बाढ़ हर 5 साल में लौटेगी

By Gaon Connection

मध्य हिमालय में बारिश का पैटर्न बदल चुका है, कुछ घंटों में महीनों जितनी बारिश, और नदियाँ पहले से अधिक उफनती हुई। नई वैज्ञानिक स्टडी चेतावनी देती है कि आने वाले दशकों में बाढ़ सिर्फ बढ़ेगी ही नहीं, बल्कि पहाड़ों की ज़िंदगी की दिशा ही बदल देगी।

मध्य हिमालय में बारिश का पैटर्न बदल चुका है, कुछ घंटों में महीनों जितनी बारिश, और नदियाँ पहले से अधिक उफनती हुई। नई वैज्ञानिक स्टडी चेतावनी देती है कि आने वाले दशकों में बाढ़ सिर्फ बढ़ेगी ही नहीं, बल्कि पहाड़ों की ज़िंदगी की दिशा ही बदल देगी।

जंगल जैसा खेत: 1000 पेड़-पौधों के साथ खेती का नया मॉडल
जंगल जैसा खेत: 1000 पेड़-पौधों के साथ खेती का नया मॉडल

By Gaon Connection

मेहसाणा के लुनासन गाँव में एक किसान ने खेती को जंगल में बदल दिया और जंगल की तरह खेती को। अमोल खडसरे ने पर्माकल्चर मॉडल अपनाते हुए 1000 से अधिक पेड़-पौधों, औषधियों, सब्जियों और जंगली घासों को एक साथ उगाया, बिना केमिकल, बिना तनाव और बिना अत्यधिक पानी के। आज उनका खेत सिर्फ कृषि उत्पादन नहीं, बल्कि एक जीवित इकोसिस्टम है

मेहसाणा के लुनासन गाँव में एक किसान ने खेती को जंगल में बदल दिया और जंगल की तरह खेती को। अमोल खडसरे ने पर्माकल्चर मॉडल अपनाते हुए 1000 से अधिक पेड़-पौधों, औषधियों, सब्जियों और जंगली घासों को एक साथ उगाया, बिना केमिकल, बिना तनाव और बिना अत्यधिक पानी के। आज उनका खेत सिर्फ कृषि उत्पादन नहीं, बल्कि एक जीवित इकोसिस्टम है

हर साल उजड़ते खेत, टूटती उम्मीदें… प्राकृतिक आपदाओं पर संसद में बड़ी चर्चा
हर साल उजड़ते खेत, टूटती उम्मीदें… प्राकृतिक आपदाओं पर संसद में बड़ी चर्चा

By Gaon Connection

प्राकृतिक आपदाएँ सिर्फ खेत नहीं उजाड़तीं, बल्कि किसानों की सालभर की मेहनत और उम्मीदें भी बहा ले जाती हैं। संसद में पेश हुए आंकड़ों में बताया गया कि हर साल लाखों किसान तूफ़ान, बाढ़ और बारिश की मार झेल रहे हैं।

प्राकृतिक आपदाएँ सिर्फ खेत नहीं उजाड़तीं, बल्कि किसानों की सालभर की मेहनत और उम्मीदें भी बहा ले जाती हैं। संसद में पेश हुए आंकड़ों में बताया गया कि हर साल लाखों किसान तूफ़ान, बाढ़ और बारिश की मार झेल रहे हैं।

जलवायु संकट की नई मार: ज़हरीले साँपों के बदलते हॉटस्पॉट और बढ़ती मौतें
जलवायु संकट की नई मार: ज़हरीले साँपों के बदलते हॉटस्पॉट और बढ़ती मौतें

By Divendra Singh

भारत में सर्पदंश पहले ही हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करता है और अब जलवायु परिवर्तन इस संकट को और बढ़ाने वाला है। नए क्षेत्रों में हॉटस्पॉट उभरेंगे, पुराने खत्म होंगे, और बिग फोर ज़हरीले साँप उन इलाकों तक पहुँचेंगे जहाँ आज लोग उनसे अनजान हैं।

भारत में सर्पदंश पहले ही हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करता है और अब जलवायु परिवर्तन इस संकट को और बढ़ाने वाला है। नए क्षेत्रों में हॉटस्पॉट उभरेंगे, पुराने खत्म होंगे, और बिग फोर ज़हरीले साँप उन इलाकों तक पहुँचेंगे जहाँ आज लोग उनसे अनजान हैं।

समुद्र से उभरती नई खेती: तटीय किसानों के लिए उम्मीद बनी सीवीड
समुद्र से उभरती नई खेती: तटीय किसानों के लिए उम्मीद बनी सीवीड

By Divendra Singh

देश में सीवीड की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार की कई योजनाएँ भी चल रहीं हैं, पिछले कुछ बरसों में देश में सीवीड का उत्पादन भी बढ़ गया है।

देश में सीवीड की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार की कई योजनाएँ भी चल रहीं हैं, पिछले कुछ बरसों में देश में सीवीड का उत्पादन भी बढ़ गया है।

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.