अक्षय पात्र रसोई सुधारेगी स्कूली बच्चों की सेहत

Sundar ChandelSundar Chandel   16 April 2018 4:54 PM GMT

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अक्षय पात्र रसोई सुधारेगी स्कूली बच्चों की सेहतसोनभद्र के एक स्कूल में मिड डे मिल खाते बच्चे।                                     फोटो: गाँव कनेक्शन 

आए दिन मिड-डे मिल में खामियों से तंग आकर सरकार ने अक्षय पात्र रसोई से बच्चों की सेहत का ख्याल रखने की योजना बनाई है। विभागीय जानकारी के मुताबिक एक रसोई में एक साथ पचास हजार बच्चों का खाना तैयार हो सकेगा। साथ ही खाना पूरी तरह से मानकों पर खरा होगा। इसकी देखरेख सीधे तौर पर बेसिक शिक्षा अधिकारी के साथ-साथ प्रशासन के अधिकारी भी करेंगे। मेरठ में रसोई का काम शुरू करने की पूरी तैयारी है। इसके पहले बनारस व आगरा में यह रसोई शुरू की जा चुकी है। योजना सफल होने पर पूरे प्रदेश के प्रत्येक जिले में यह योजना लागू करने का प्लान है।

सरकार ने परिषदीय और मान्यताप्राप्त स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक माध्यांतर भोजन के लिए मिड-डे मिल योजना लगभग 20 वर्ष पहले शुरू की थी। योजना के तहत स्कूली बच्चों को शिक्षा देने के साथ उनकी सेहत का ख्याल रखने की जिम्मेदारी भी सरकार ने विभाग को सौंपी थी। पिछले 20 साल से आज तक माध्यांतर भोजन के लिए बडे-बडे सुधार किए गए।

सरकार की योजना पौष्टिक भोजन देने की है।

कभी स्कूलों में खाना बनवाया गया तो कभी एनजीओं को ठेका देकर बच्चों को खाना उपलब्ध कराया, लेकिन आए दिन खाने में खामियों के कीडे़ शासन और प्रशासन की नाक में दम किए हुए हैं। इसी समस्या से निजात पाने के लिए शासन ने अक्षयपात्र रसोई खोने की नई योजना बनाई है। सन 2016 में आगरा व बनारस में यह रसोई पहले ही शुरू की जा चुकी है। वेस्ट यूपी के मेरठ, सहारनुपर व बुलंदशहर जनपद में यह रसोई बनाने के लिए जमीन चिंहित की जा रही है। इसके लिए मंडलायुक्त ने आदेश भी जारी कर दिए हैं।

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ये है अक्षय पात्र रसोई

बेंगलुरू का अक्षय पात्र फाउंडेशन आकाशीय संस्था के रूप में कार्य करता है। फाउंडेशन द्वारा देश में यूपी के साथ आंध्रप्रदेश, असम, छत्तिसगढ, गुजरात, कर्नाटक, उडीसा, तेलंगाना और तमिलनाडू में रसोई का संचालन कर रहा है। रसोई से तैयार होने वाला भोजन इन राज्यों में स्थित 6500 स्कूलों मंे पढने वाले बच्चों की थाली में हर दिन पहुंचता है। रसोई में एक्पर्ट कुक के साथ साफ-सफाई, बा्रंडेड मशाले, शुद्व सब्जियों का विशेष ध्यान रखा जाता है। इसके अलावा समय-समय पर रसोई का निरीक्षण बेसिक शिक्षा विभाग के अलावा प्रशासनिक अधिकारियों को भी करने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

मिड डे मिल पर अक्सर उठते रहे हैं सवाल।

एक रसोई में 50 हजार बच्चों का खाना

यूपी में अक्षय पात्र फाउंडेशन ने अभी तक बनारस और आगरा महज दो शहरों में ही रसोई शुरू की है। रसोई में बच्चों के स्वास्थ्य के हिसाब से खाना तैयार किया जाता है। रसोई में एक साथ 50 हजार बच्चों का खाना तैयार किया जाएगा। साथ ही भोजन तैयार करने के बाद गरमागरम खाना बच्चों की थाली तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी रसोई संचालकों की ही होगी।

बनारस और आगरा में सफलता के बाद मेरठ व अन्य जिलों में यह रसोई बनाने के लिए जमीन चिंहित की जाएगी। मेरठ में रसोई के लिए जमीन खोजने को डीएम को निर्देशित भी किया जा चुका है।
डा, प्रभात कुमार, मंडलायुक्त मेरठ मंडल

मानकों के अनुसार केंद्रीकृत रसोई के रूप में संचालित होने वाली अक्षय पात्र में पकने वाला भोजन सरकारी मेन्यू के हिसाब से होगा। सप्ताह में हर दिन के लिए निर्धारित मेन्यू के अनुसार भोजन तैयार किया जाएगा। साथ ही रसोई संचालक और फाउंडेशन के कर्मचारी ही हर दिन बेसिक शिक्षा विभाग के अलावा जिलाधिकारी कार्यालय में भी रिपोर्ट करेंगे।

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