उत्तर प्रदेश के दो ज़िलों में जल्द ही खुलेंगे नए कृषि विज्ञान केंद्र

किसानों को खेती किसानी की नई तकनीकियों की जानकारी देने के लिए प्रदेश के बड़े जिलों में नए कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना की जा रही है..

Divendra SinghDivendra Singh   17 Oct 2018 8:36 AM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
उत्तर प्रदेश के दो ज़िलों में जल्द ही खुलेंगे नए कृषि विज्ञान केंद्र

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जल्द ही दो नए कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना की जाएगी। ये केंद्र मुरादाबाद व रायबरेली में खोले जाएंगे।


प्रदेश उत्तर प्रदेश में 69 कृषि विज्ञान केंद्र पहले से थे, इसके बाद सरकार ने 20 नए केवीके शुरू करने का फैसला लिया था। कई जिलों में तो कृषि विज्ञान केंद्र तो संचालित भी हो गए हैं। अब उत्तर प्रदेश में कुल 91 कृषि विज्ञान केंद्र हो जाएंगे।

ये भी पढ़ें : बहराइच के किसानों को तोहफा : कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किया कृषि विज्ञान केंद्र का शिलान्यास

कृषि विभाग ने कृषि व प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय मेरठ के अधीन मुरादाबाद में राजकीय कृषि प्रक्षेत्र, मलपुरा की 12 हेक्टेयर जमीन और रायबरेली में कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर के अधीन राजकीय कृषि प्रक्षेत्र पल्टीखेड़ा, विकास खंड सरेनी, तहसील लालगंज की 9.20 हेक्टेयर जमीन पर कृषि विज्ञान केंद्र संचालित होगा।

प्रदेश में पहले से ही 69 कृषि विज्ञान केन्द्र संचालित हैं। एक कृषि विज्ञान केन्द्र पर करीब 16 लोगों का स्टॉफ होता है, जिसमें छह विषयों के कृषि विशेषज्ञ और दूसरे पद हैं। बागवानी, कृषि विज्ञान, फसल सुरक्षा, मृदा विज्ञान, पशु विज्ञान, गृह विज्ञान, कृषि प्रसार के विशेषज्ञों की नियुक्ति होती है।

उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के अपर कृषि निदेशक (प्रसार) मो. आरिफ सिद्दीकी बताते हैं, "ऐसा नहीं है कि जहां पर केवीके पहले से संचालित हैं वहां पर नए केवीके नहीं शुरू हो सकते हैं, एक जिले एक से ज्यादा कृषि विज्ञान केंद्र संचालित हो सकते हैं। २० जिलों में नए केवीके शुरू भी गए हैं।"

ये भी पढ़ें : कृषि विज्ञान केंद्र के प्रयास से बढ़ रहा मूंगफली की खेती का रकबा

कृषि विज्ञान केंद्र में वैज्ञानिक खेती के तरीके ढूंढने के अलावा उनकी गुणवत्ता में सुधार, कीट और खरपतवारों पर सुरक्षित और प्रभावी तरीकों से नियंत्रण, मृदा और जल संरक्षण में सुधार के लिए किए गए अनुसंधान का किसानों को आसानी से लाभ मिल सकें।

ये भी पढ़ें : मशरूम उत्पादन का हब बन रहा यूपी का ये जिला, कई प्रदेशों से प्रशिक्षण लेने आते हैं किसान

      

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.