यूपी में खुलेंगी निजी मंडियां, किसानों के खेत से माल खरीद सकेंगी कंपनियां

Manish Mishra | Apr 06, 2018, 17:01 IST
agriculture
लखनऊ। अब वो दिन दूर नहीं कि जब निजी कंपनियों की मंडियों के व्यापारी किसानों के दरवाजे की कुंढी खटका रहे होंगे। किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने और बिचौलियों से बचाने के लिए यूपी सरकार ने मंडी अधिनियम में बड़ा बदलाव करते हुए निजी क्षेत्रों की मंडियों की स्थापना का रास्ता साफ कर दिया है।

गाँव कनेक्शन से विशेष बातचीत में प्रमुख सचिव कृषि अमित मोहन प्रसाद ने बताया, “मंडी अधिनियम में जो बदलाव किया गया है उसे विधान परिषद और विधान सभा ने पास कर दिया है। राज्यपाल के अनुमोदन के बाद उसे राज्यभर में लागू कर दिया जाएगा,” आगे बताया, “अधिनियम में यह भी संशोधन है कि अगर कोई व्यापारी किसान के दरवाजे से अनाज खरीदना चाहे तो खरीद सकेगा।”

उत्तर प्रदेश मंडी अधिनियम में संशोधन के बाद निजी समूह प्रदेश में मंडी खोलने के लिए आवेदन करेंगे उसके बाद उन्हें मंडी स्थापित करने का लाइसेंस दिया जाएगा। लेकिन इन प्राइवेट मंडियों पर निगरानी सरकार की ही रहेगी।

“ऐसा करने से सरकारी और निजी मंडियों में प्रतिस्पर्धा की भावना आएगी और किसानों को लाभ मिलेगा,” प्रमुख सचिव कृषि ने बताया, “इसमें एक और बदलाव है कि अगर कोई कंपनी किसी क्षेत्र के किसानों से सीधे माल खरीदना चाहे तो खरीद सकेगी, अभी तक मंडियों से खरीददारी ही संभव थी। किसानों के दरवाजे तक बाजार पहुंचेगा। इससे छोटे किसान ढुलाई समेत अन्य फालतू खर्चों से बच सकेंगे।”

खेती में आने वाली दिक्कतों के अलावा मार्केटिंग को और आसान बनाने के लिए ऑनलाइन मंडी में ई-नाम प्रणाली की शुरुआत की गई है। इससे अब व्यापारी एक लाइसेंस से उत्तर प्रदेश भर में कहीं भी व्यापार कर सकेंगे। प्रदेश के एक कोने से दूसरे कोने में मंडियों में ऑनलाइन माल की खरीद-फरोख्त कर सकेंगे।

किसानों की आमदनी बढ़ाने के तीन सूत्र – 1. कृषि लागत में कमी 2. खेतों में उपज बढ़े 3. उपज का सही मूल्य मिले। सरकार की सभी योजनाएं इसी के आसपास केंद्रित है। विभाग ओर तेजी से कार्य कर रहा है।
अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव, कृषि, उत्तर प्रदेश

अब व्यापारी एक लाइसेंस लेकर पूरे प्रदेश में व्यापार कर सकता है। एक कोने पर होने से राज्य के दूसरे कोने पर माल खरीद और बेच सकेगा। साथ ही वेयर हाउसिंग को मजबूत कर रहे हैं। हम अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करेंगे।

मंडी में किसानों को शोषण से बचाने के लिए क्या कर रहे हैं?

चीजों को बदलने में समय लगता है, अच्छा बनाने का प्रयास जारी है। मंडी अधिनियम में हमने बदलाव किया है, जो विधान परिषद और विधान सभा से पारित हो गया है। राज्यपाल अनुमोदन के बाद लागू कर दिया जाएगा।

“किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए हमारा विभाग योजना बनाकर लक्ष्य को पाने के लिए प्रयासरत है। कृषि में समय का बड़ा महत्व है, खेती में चीजें समय पर नहीं हुईं तो उत्पादकता गिर जाएगी। किसानों तक योजनाओं को पहुंचाने के लिए तकनीक का सहारा लेना पड़ेगा। विभाग इसमें लगा है,” अमित मोहन प्रसाद ने कहा।

अधिक पैदावार पर उपज के रेट गिरने से कई बार किसानों को फसल सड़कों पर फेंकने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इसके लिए उपज को दूसरे राज्यों में ऊंचे भाव में बेचने के बारे में प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने कहा, “भंडारण और प्रसंस्करण पर सरकार का उतना ही ध्यान है जितना उत्पादन पर, हां अगर उत्पादन बहुत जयादा हो जाए तो उसका मूल्य कम जरूर हो जाता है। दूसरे राज्यों में ऊंचे दाम पर उपज बेचने के लिए यह काम प्राइवेट ट्रेडर्स ज्यादा अच्छे से करते हैं। हम मार्केटिंग के लिए प्रोत्साहित करते हैं,” आगे बताया, “हम ट्रांसपोर्ट सब्सिडी देते हैं, अगर कोई व्यापारी आलू खरीद करके दूसरे राज्यों में बेचना चाहे तो हम सब्सिडी देते हैं, निर्यात पर भी सब्सिडी है।”

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

Tags:
  • agriculture
  • farmer
  • IAS
  • Ministry of Agriculture
  • kisan mandi

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.