11 साल बाद मिला न्याय: बलात्कार के बाद शिक्षिका की कर दी गई थी हत्या

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में बहुचर्चित शिक्षिका हत्याकांड में आया फैसला एक को आजीवन कारावास, अदालत के फैसले के बाद बेटी बोली पढ़ूंगी-लिखूंगी, पर नहीं बनूंगी शिक्षक।

Mohit ShuklaMohit Shukla   30 Oct 2021 3:00 PM GMT

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11 साल बाद मिला न्याय: बलात्कार के बाद शिक्षिका की कर दी गई थी हत्या

सीतापुर (उत्तर प्रदेश)। 10 सितंबर, 2019 इस परिवार के लिए दर्द लेकर आया था, जब स्कूल जा रही शिक्षिका के साथ गन्ने के खेत में बलात्कार किया गया और फिर गला दबाकर हत्या कर दी थी गई थी।

इस हत्याकांड ने पूरे प्रदेश में खलबली मचा दी थी, शिक्षक कई दिनों तक सड़कों पर आंदोलन करते रहे। शिक्षकों के प्रदर्शन के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। घटना में मुख्य अभियुक्त समेत पांच नाम सामने आये थे, लेकिन गहन जांच पड़ताल के बाद मुख्य आरोपी सुरेश उर्फ बाबा उर्फ चैंपियन का नाम प्रकाश में आया था।

घटना की जांच करने वाले विवेचक व तत्कालीन थानाध्यक्ष मछरेहटा सतेंद्र कुमार वर्मा ने गाँव कनेक्शन से बताया शिक्षिका के साथ दुष्कर्म कर के उसकी निर्मम हत्या कर के बीहट बीरमपुर गाँव के पास एक बाग के किनारे गन्ने के खेत में फ़ेक दिया था।

अभियोजन पक्ष के वकील संदीप त्रिपाठी ने बताया, "मृतका का मोबाइल आरोपी के पास बरामद हुआ उसके बाद पूरी घटना का ख़ुलासा हुआ था। मृतका की पीएम रिपोर्ट में आंख,पीठ और उंगलियों पर चोट के निशान पाए गए थे, मोबाइल फोन से की गई काल को महत्वपूर्ण साक्ष्य माना।"


वो आगे कहते हैं, "आरोपी सुरेश ने घटना को अंजाम देने के बाद अपने मित्र रूपेश को कॉल की थी, जिस पर पुलिस ने रूपेश से पूछताछ की था, जिसमे रूपेश ने यह स्वीकार किया था, कि सुरेश ने उसे फोन किया था। इसी आधार पर सुरेश उर्फ बाबा को माना गया कि वही आखिरी व्यक्ति था शिक्षिका से आखिरी बार मुलाकात करने वाला।"

आखिर में 11 साल तक चली सुनवाई में काफ़ी उतार चढ़ाव के बाद मृतक शिक्षिका के साथ हुई वारदात का गुनहगार वही साबित हुआ। जिस पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अभिषेक उपाध्याय ने हत्याभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा साथ ही 25 हजार रुपये अर्थदण्ड लगाया।

जिला न्यायालय में अभियुक्त कोआजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस फैसले के बाद शिक्षिका के परिवार को राहत मिली है। शिक्षिका की 12 वर्षीय बेटी ने कहा कि वह पढ़ेगी-लिखेगी, खूब मेहनत करेगी, पर शिक्षक नहीं बनेगी। उसने मां की घटना को बहुत नजदीकी से देखा है।

सीतापुर सत्र न्यायालय परिसर में शिक्षिका के पति व दोनों बच्चे और रिश्तेदार मौजूद थे। फैसला आने के बाद इनके चेहरे की रौनक बढ़ी हुई थी, लोग एक दूसरे को न्याय की बधाई दे रहे थे।


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