50 से साल से अधिक उम्र के जेल कर्मचारी होंगे कार्यमुक्त

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50 से साल से अधिक उम्र के जेल कर्मचारी होंगे कार्यमुक्त50 से साल से अधिक उम्र के तैनात 12 सिपाहियों को कार्यमुक्त करने की विभाग को रिपोर्ट सौंपी।

लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ दिन पहले सभी विभागों में 50 से साल से अधिक उम्र के कर्मचारियों को कार्य में अनियमिता पाये जाने पर बीच नौकरी में वीआरएस (स्‍वैच्छिक सेवा निवृत्ति योजना) देकर सेवा मुक्त होने की बात कही थी, जिसके अनुपालन में जेल विभाग ने एक स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया था। कानपुर मंडल ने कारागारों में 50 साल से अधिक उम्र के तैनात 12 सिपाहियों को कार्यमुक्त करने की विभाग को रिपोर्ट सौंपी है।

आईजी जेल पीके मिश्रा ने बताया, “यूपी के जेलों में स्क्रीनिंग कमेटी ने एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें कानपुर मंडल के जेलों में तैनात सिपाहियों को कार्यमुक्त करने को कहा है। इस रिपोर्ट में उन सिपाहियों पर पर कार्रवाई की बात कही है, जो अपने कार्य में अक्षम और दागी साबित हुए। इन सिपाहियों में फतेहगढ़ जेल से मुनश बाबू, प्रेमपाल शर्मा, रामसेवक मिश्रा, जगदीश प्रसाद विभाग से कार्यमुक्त किए जायेंगे। कन्नौज जेल से सिपाही सतीशचंद्र सिंह, केके सक्सेना कार्यमुक्त किए जायेंगे।”

इटावा जेल से श्रीपाल, सुरेंद्र कुमार, राजेंद्र प्रसाद, जबकि कानपुर नगर जेल से अमर सिंह राठौर, बृजनंदन लाल कार्यमुक्त किए जायेंगे। यह सभी सिपाही 50 साल से अधिक उम्र के हैं, जिन्हें अपने कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप और अनफिट होने के चलते स्क्रीनिंग कमेटी ने इन्हें हटाने की सिफारिश की है। इन 12 सिपाहियों पर कार्रवाई का आदेश होने के बाद जेल प्रशासन में हड़कम्प मच गया है, क्योंकि 50 साल से अधिक उम्र के जेल कर्मचारियों की धड़कनें बढ़ गई हैं कि कहीं वीआरएस का अगला नम्बर उनका न लग जाये।

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आईजी जेले की मानें तो रिपोर्ट के आधार पर जल्द ही इन 12 सिपाहियों को कार्यमुक्त करने के लिए शासन को फाइल भेज दी जाएगी। वहीं इस तरह की पहली कार्रवाई जेल विभाग ने की है, लेकिन अबतक किसी दूसरे विभाग ने इसकी शुरूआत तक नहीं की है,जिससे अंदेशा लगाया जा रहा है कि, अन्य विभागों के अधिकारी अब भी भ्रष्ठ और काम अक्षमता बरतने वाले कर्मचारियों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। फिलहाल योगी सरकार के कड़े तेवर देखकर ज्यादातर विभागाध्यक्ष भ्रष्ट कर्मचारियों की लिस्ट बनाने में जुटे हैं, जबकि इसे अमली जामा पहनाने से कतरा रहे हैं।

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