सून लागे दिया बिन | Soon Laage Diya Bin | Sohar Geet | Malini Awasthi | Gaon Connection
सोहर उत्तर भारत की पारंपरिक लोकसंगीत शैली है, जो मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान जैसे क्षेत्रों में गाई जाती है। इसे शुभ अवसरों पर, विशेषकर प्रसव और मातृत्व से जुड़े आयोजनों में गाया जाता है। सोहर का अर्थ ही शुभ अवसर या मंगल घड़ी होता है। इन गीतों को महिलाएं नवजात शिशु और माता को आशीर्वाद देने तथा उनके स्वस्थ और मंगल भविष्य की कामना के लिए गाती हैं। इनके बोल सरल होते हैं और धुनें लयात्मक, जिनमें शिशु, माता और परिवार के सुख की प्रशंसा शामिल होती है। इन गीतों के साथ ढोलक, तबला, मंजीरा और हारमोनियम जैसे पारंपरिक वाद्ययंत्र बजाए जाते हैं। सोहर उत्तर भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक अभिन्न हिस्सा है और आज भी पारंपरिक आयोजनों में बड़े प्रेम से गाया जाता है। मालिनी अवस्थी उत्तर प्रदेश और बिहार की लोकसंगीत परंपराओं को सहेजने और लोकप्रिय बनाने वाली प्रसिद्ध भारतीय लोकगायिका हैं, जो भोजपुरी और अवधी जैसी भाषाओं में अपने सुमधुर गायन के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने देश और विदेश में अनेक सांस्कृतिक मंचों पर प्रस्तुति देकर लोकधुनों को नई पहचान दिलाई है। अपनी गूंजती आवाज़ और लोकसंगीत को संरक्षित करने के प्रति समर्पण के कारण उन्हें व्यापक सराहना मिली है। वे कई संगीत आधारित दूरदर्शन कार्यक्रमों में निर्णायक के रूप में भी अपनी भूमिका निभा चुकी हैं।