'Kahaniyan Shri Ram Ki' Neelesh Misra Ke Saath | Episode 2 | Shri Ram Ki Ayodhya Wapsi
यह कथा समय से भी प्राचीन है, एक ऐसा लोकवृत्त जिसे हम सभी आदर की दृष्टि से देखते हैं और जो जीवन के अँधेरे में हमें मार्ग दिखाता है। रामायण सदियों से हर भारतीय के लिए आस्था, विश्वास और धर्म से परे एक प्रकाशपुंज रही है। अयोध्या की पवित्र भूमि में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर दूरदर्शन ने भारत के प्रिय कथावाचक नीलेश मिस्रा के साथ मिलकर “कहानियाँ श्रीराम की, नीलेश मिस्रा के साथ” नामक विशेष श्रृंखला प्रस्तुत की है। दो कड़ियों की इस श्रृंखला में माता सीता के स्वयंवर का अद्भुत प्रसंग दिखाया गया है, जो एक ऐसी प्रेमकथा की शुरुआत है जिसे विश्वभर में आदर्श माना जाता है। इसी के साथ वनवास के चौदह वर्ष पूरे कर भगवान राम और माता सीता के अयोध्या लौटने का पावन दृश्य भी दर्शाया गया है। उनके आगमन पर प्रत्येक जीव-जंतु और मानव ने उल्लास मनाया क्योंकि यह सत्य की असत्य पर, धर्म की अधर्म पर और नैतिकता की अनैतिकता पर विजय का प्रतीक है। यह श्रृंखला महाकाव्य की उन हृदयस्पर्शी कथाओं को सामने लाती है जो जीवन के महत्वपूर्ण पाठ सिखाती हैं।नीलेश मिस्रा का कार्य भारत के अनेक प्रमुख मंचों तक पहुँचा है जिनमें आकाशवाणी, विभिन्न रेडियो माध्यम और अनेक ध्वनि व दृश्य प्रसारण मंच शामिल हैं। उनकी कहानियाँ नगरों के प्रेम से लेकर गाँवों के आदर्शों तथा शासन-प्रशासन के मॉडल तक अनेक विषयों को स्पर्श करती हैं। वे ग्रामीण मीडिया संस्था ‘गाँव कनेक्शन’ के संस्थापक, गीतकार, पटकथा लेखक, लेखक, गायक, वक्ता, पत्रकार और मार्गदर्शक के रूप में जाने जाते हैं। वे भारत के प्रमुख परिवर्तनकर्ताओं में से एक हैं जिन्होंने कई सामाजिक रूप से प्रभावी विचार प्रस्तुत किए और देशभर में सकारात्मक बदलाव प्रेरित किए हैं। उन्होंने अनेक नवोन्मेषों के माध्यम से संचार जगत में एक विशिष्ट स्थान बनाया है।सचेत उद्यमिता के प्रवर्तक के रूप में उन्होंने ‘द स्लो मूवमेंट’ की स्थापना की, जिसका उद्देश्य लोगों को सरल, गहरे और जड़ों से जुड़े जीवन की ओर लौटाना है। इसका प्रयास है कि तेज़ रफ़्तार जीवन में छूट चुकी छोटी-छोटी सरल खुशियों और अनुभवों से लोगों को दोबारा जोड़ा जाए—चाहे वे सरल कहानियाँ हों, सहज बातचीत, ध्वनि-अनुभव, या ईमानदारी से निर्मित उत्पाद। ‘स्लो कंटेंट’ के माध्यम से यह आंदोलन श्रोताओं और दर्शकों को आत्मीय और सहज जीवन की ओर ले जाता है। ‘स्लो प्रोडक्ट्स’ के माध्यम से शहद, खिलौने, हस्तशिल्प और अनेक वस्तुओं में सादगी और ईमानदारी का भाव प्रस्तुत किया जाता है।नीलेश मिस्रा ने अनेक फिल्मों के लिए गीत भी लिखे हैं और देश-विदेश के प्रमुख संगीतकारों के साथ काम किया है। उनके लिखे गीतों में प्रेम, संवेदना और जीवन की सरलता झलकती है।