लखनऊ। इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस इस्लाम एंड वर्ल्ड पीस में मुसलमानों के धार्मिक तीर्थ स्थल क़ाबा के इमाम शेख सालेह बिन मुहम्मद ने लोगों से आतंकवाद का कड़ा विरोध करने की अपील की। लखनऊ के ईदगाह में हुए कार्यक्रम में लाखों मुसलमानों और मुस्लिम स्कॉलर्स ने हिस्सा लिया।
क़ाबा के इमाम शेख सालेह बिन मुहम्मद ने कहा कि 'बेहद खुशी की बात है कि मैं लखनऊ में हूं। इस्लाम ने लोगों को मोहब्बत का पैगाम दिया है। इस्लाम जोड़ता है तोड़ता नहीं। कुछ लोग गलत कामों से इस्लाम का नाम खराब कर रहे हैं। इमाम शेख सालेह बिन मुहम्मद ने बताया, ''इस्लाम सबका भला चाहता है जिसे जानता है उसे भी और जिसे नहीं जानता है उसे भी।''
‘ इस्लाम का आदर्श कोई खलीफ़ा नहीं ’
लखनऊ। इमाम शेख सालेह बिन मुहम्मद के दारूल उलूम फरंगी महली ख़ास बुलावे पर लखनऊ आए थे। दारूल उलूम फरंगी महली के प्रवक्ता मौलाना मोहम्मद सुफियान निज़ामी ने कहा कि क़ाबा इमाम हमारे लिए आदर्श हैं। इस्लाम का आइडियल कोई खलीफ़ा नहीं है। इस्लाम का आतंकवाद से कोई ताल्लुक नहीं है। इस पीस क्रॉन्फ्रेस के ज़रिए हम दुनिया को ये पैगाम देना चाहते हैं वो लोगों के बर्गलाने में ना आएं। मुसलमान अमन का पैरोकार है वो दुनिया में शांति चाहता है।
इस्लाम के बारे में गलत प्रचार किया जा रहा है
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य ज़फरयाब ज़िलानी ने कहा, 'सबसे बड़े इमाम लखनऊ आए ये हमारे लिए गर्व की बात है। इस्लाम के खिलाफ़ ग़लत आरोप लगाए जाते हैं। इस्लामिक स्टेट जैसी तंज़ीमों का काम गलत और मनमाना है। इस्लाम ने कभी भी आतंकवाद या इस्लामिक स्टेट का समर्थन नहीं किया। इस्लाम खून खराबे के सख्त ख़िलाफ़ है। मुसलमान सेक्यूलर क़ौम है। हम शांति चाहते हैं। मुसलमान को किसी से ख़तरा नहीं।
पीस क्रान्फ्रेंस पीछे की वजह क्या है ?
बीते कुछ वक्त से इराक और सीरिया जैसे मुल्कों में इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी संगठन इस्लाम के नाम पर जमकर खून खराबा कर रहे हैं। इन मुल्कों में लोगों को इस्लाम के नाम पर गलत काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। सिर्फ़ इतना ही नहीं पाकिस्तान के कई आतंकी संगठनों ने भी इस्लाम के नाम पर लोगों की हत्या की है। नाइजीरिया और मिडिल ईस्ट में आतंकी संगठन भी इस्लाम के नाम पर हिंसा और आतंकीवादी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।