नई दिल्ली (भाषा)। देश की 50 हज़ार से ज्यादा मुस्लिम महिलाएं और पुरुष चाहते हैं कि ‘ट्रिपल तलाक’ यानी तीन बार तलाक कहने पर रोक लगे। तीन तलाक के खिलाफ 50 हजार मुस्लिमों ने हस्ताक्षर अभियान चलाया है।
भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन (बीएमएमए) ने तीन बार तलाक कहने को प्रतिबंधित करने के लिए एक अभियान शुरू किया है। इसके तहत एक याचिका तैयार की गई है, जिस पर 50 हजार मुस्लिमों ने हस्ताक्षर किए हैं। गुजरात, महाराष्ट्र, यूपी समेत 13 राज्यों के मुस्लिमों ने इस पर हस्ताक्षर किए है। हालांकि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसके विरोध का ऐलान किया है।
भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन ने नेशनल कमिशन फॉर वुमेन (एनसीडब्लू) से भी इस अभियान को अपना समर्थन देने के लिए संपर्क साधा है। भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन की संयोजक नूरजहां साफिया नियाज के मुताबिक आने वाले दिनों में और लोग इस अभियान को अपना समर्थन देंगे।
नेशनल कमिशन फॉर वुमेन की चीफ डॉक्टर ललिता कुमारमंगलम को लिखी चिट्ठी में बीएमएमए ने कहा है कि “मुस्लिम महिलाओं को भी संविधान में अधिकार मिले हैं। इसलिए अगर कोई कानून समानता और न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है तो उस पर रोक लगनी चाहिए”। चिट्ठी में यह भी लिखा गया है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ को पूरी तरह से बदलने में समय लगेगा, लेकिन तब तक ‘ट्रिपल तलाक’ पर बैन लगने से लाखों मुस्लिम महिलाओं को राहत मिलेगी।