आदर्श गाँव के लिए दो महीने से धरने पर बैठे राहुल और रेहान

Update: 2016-08-03 05:30 GMT
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विशुनपुर (बाराबंकी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वच्छ भारत मिशन देश में भले ही कागजों पर चल रहा हो परंतु बाराबंकी मुख्यालय से25 किमी दूर विकास खंड फतेहपुर के बसारा गाँव में दो भाइयों ने इसे जमीनी हकीकत में तब्दील कर दिखाया है।

विगत छह वर्षों से अपने संसाधनों से गाँव की स्वच्छता के लिए चलाई जा रही मुहिम में गांव को आदर्श गाँव घोषित करने के लिए दोनों भाई दो महीनो से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे है। इनकी मांग है कि जब तक गांव को आदर्श गांव नहीं घोषित किया जाता तब तक यह कोई भी पर्व नही मनायेगे।

फतेहपुर ब्लॉक के बसारा गाँव पहुंचते ही मुख्य मार्ग के दोनों तरफ तिरंगा कलर से रंगे पेड़ोँ को देखकर एक अलग अनुभूति होती है। गाँव में प्रवेश करते ही रंगे पेड़ोँ और बिजली के खम्भों के साथ ही दीवारों पर लिखे सैकड़ों प्रेरक नारे इस गाँव को अन्य गाँवों से जुदा करते हैं। यह कर दिखाया है गाँव के ही दो युवा सगे भाइयों राहुल खान और और रेहान खान ने। गाँव के सैंकड़ों पेड़ों को इन दोनों भाइयों ने अपने निजी पैसे खर्च कर तिरंगा रंग से रंगा है। गांव की गलियों की सफाई से लेकर शौचालय के प्रयोग और अन्य और स्वच्छता को लेकर यह दोनों भाई वर्षों से गाँव में मुहिम चलाये हैं।

राहुल जहां कानून की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं वहीँ रेहान ने स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। इनके पिता रईस खान सेवा निवृत वीडीओ हैं। पढ़ाई के बाद इन दोनों भाइयों ने अपना पूरा समय गाँव की स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति समर्पित कर दिया।

इस काम में ग्रामीणों का तो भरपूर सहयोग मिला परंतु प्रशासनिक सहयोग पूरी तरह नगण्य रहा। हालात यह है कि गाँव में एक भी सफाई कर्मी नही है। राहुल बताते हैं कि वह गाँव को आदर्श गाँव बनाने के लिए वर्षों से प्रयासरत हैं लेकिन उन्हें कोई प्रसासनिक सहयोग नही मिला। जिसके लिए मजबूरन धरने पर बैठना पड़ा। राहुल बताते है कि उनकी एक ही मांग है कि गाँव को आदर्श गाँव घोषित कर उनकी मुहिम को प्रशासनिक स्तर पर आगे बढ़ाया जाए।

रिपोर्टर - अरुण मिश्रा

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