आखिरकार मिल गई 13 साल की बलात्कार पीड़िता को राहत

Update: 2015-11-03 05:30 GMT

बाराबंकी। तेरह वर्ष की बलात्कार पीडि़ता और उसकी नवजात बच्ची का भविष्य आखिरकार हाईकोर्ट ने तय कर दिया। नवजात बेटी को चाइल्ड वेलफेयर सोसायटी गोद लेगी। साथ ही 13 वर्षीय मां की पढ़ाई मुफ़्त कर दी गई है और उसे कुल 13 लाख रूपए का मुआवजा देने के निर्देश राज्य सरकार को दिए गए हैं।

करीब नौ माह पूर्व मसौली ब्लॉक के एक गाँव की 13 साल की बच्ची को उस समय गाँव के विनय ने हवस का शिकार बनाया जब वह शौच करने खेत में गई थी। बच्ची जब सात माह की गर्भवती हुई तो उसके परिजनों को इस बात की जानकारी हुई।

इसके बाद हाईकोर्ट में पिता ने बच्ची का गर्भ गिराने के लिए याचिका डाली। कोर्ट ने याचिका पर गर्भ गिराने का फैसला दे दिया लेकिन डॉक्टरों ने बताया कि इस समय गर्भ गिराने से जच्चा की जान पर खतरा है। इसके बाद बच्ची ने एक बेटी को जन्म दिया।

सामाजिक तानों से परेशान होकर पिता ने फिर हाईकोर्ट में याचिका डाली कि नवजात बच्ची को उनका परिवार और मां अपने साथ नहीं रखना चाहती। इसके बाद आज जस्टिस शब्यूल हसनैन और जस्टिस डीजे उपाध्याय ने इस मामले पर अपना फैसला सुनाया।

बच्ची की ओर से पैरवी कर रहे वकील मोहसिल इकबाल ने बताया कि चाइल्ड वेलफेयर सोसायटी नवजात बेटी को गोद लेगी और परवरिश करेगी। बच्ची की मां को कस्तूरबा गाँधी आवासीय स्कूल में फ्री में रहने, खाने और पढऩे की सुविधा दी जाएगी। इसके बाद उसे जीजीआईसी में फ्री में रहना, खाना और पढऩे की सुविधा दी जाएगी।

कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि सरकारी नौकरी दिलवाने में भी उसकी पूरी सहायता की जाए। इसके साथ राज्य सरकार को पहले तीन लाख रुपये देने के निर्देश दिए जा चुके हैं और अब उसे दस लाख रूपए की अतिरिक्त सहायता राशि देनी होगी।

मोहसिन ने बताया कि कोर्ट ने डीएम और एसएसपी को परिवार की पूरी सुरक्षा के निर्देश दिए हैं।

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