आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों की कमी बढ़ा रही महिलाओं की चिंता

Update: 2016-07-06 05:30 GMT
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लकौड़ा (बाराबंकी)। बाराबंकी जिले के लकौड़ा गाँव में आंगनबाड़ी व्यवस्था सुचारु ढंग से नहीं चल पा रही है। गाँव की आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री महीने में एक बार ही आती हैं और वो भी बहुत कम समय के लिए। कार्यकर्त्री के न आने से गाँव की महिलाओं को दूसरे गाँवों में जाकर अपने बच्चों का टीकाकरण करवाना पड़ रहा है।

लकौड़ा गाँव की ऊषा सिंह (46 वर्ष) बताती  हैं, ‘’गाँव में आंगनबाड़ी केंद्र नहीं हैं, इसलिए महीने की 25 तारीख को ही अनीता बहनजी ( आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री ) आती हैं। कभी-कभी खुद दूसरे गाँव जाकर बच्चों को टीका लगवाना पड़ता है। केंद्र न होने से पोषाहार भी कभी-कभार ही बंटता है।” लकौड़ा गाँव से सटे परशुरामपुर के ग्रामीणों ने बताया कि जब कभी भी क्षेत्र के सुपरवाइजर का दौरा होता है या फिर कोई विशेष सप्ताह होता है तभी ही कार्यकर्त्री आती हैं, नहीं तो वो बहुत कम ही दिखाई देती हैं।

ग्राम पंचायत लकौड़ा में पांच गाँव (लकौड़ा, परशुरामपुर, पल्हरी, पल्हरा और मढ़ी) आते हैं। 3,000 से ज़्यादा लोगों की आबादी वाली इस पंचायत के प्रधान इंद्रसेन सिंह बताते हैं, ‘’पंचायत में अभी तक आंगनबाड़ी केंद्र नहीं बनवाया जा सका है। हमने कई बार तहसील दिवस पर इसकी जानकारी अधिकार्यों को दी पर अभी तक हमें लाभ नहीं दिया गया है।’’

लकौड़ा पंचायत में आंगनबाड़ी भवन न होने के कारण आंगनबाड़ी विशेष दिवसों पर स्कूल या पंचायत भवन में लगाई जाती है। भवन न होने के कारण छोटे बच्चों को नियमित तौर पर प्रारंभिक शिक्षा नहीं मिल पा रही है।

स्वयं वालेंटियर: रूबी सिंह

स्कूल: शारदा विद्यामंदिर इंटर कॉलेज

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

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