अब बिजली के बिना भी चलेंगे सरकारी नलकूप

Update: 2016-04-11 05:30 GMT
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लखनऊ। सरकारी नलकूपों व लघु डाल नहरों को अब सौर ऊर्जा से संचालित करने की तैयारी की जा रही है। अभी तक विद्युत संयोजन से चल रहे नलकूप लो-वोल्टेज व फ्लक्चुएशन जैसी समस्याओं से ग्रसित रहते हैं जिससे नलकूपों का संचालन सही ढंग से नहीं हो पाता और लाखों हेक्टेयर क्षेत्र सिंचाई से हर साल वंचित रह जाता है। 

सिंचाई विभाग को हर वर्ष फिक्स्ड चार्ज के रूप में 1,250 करोड़ रुपए का भुगतान भी विद्युत विभाग को करना पड़ रहा है। इस खर्च को बचाने के लिए राजकीय नलकूपों व लघु डाल नहरों को हाइब्रिड ऊर्जा यानी की हरित सौर ऊर्जा व ग्रिड ऊर्जा के माध्यम से संचालित किया जाएगा। 

प्रदेश में 1.5 क्यूसेक क्षमता के 24,995 व एक क्यूसेक क्षमता के 7,052 राजकीय नलकूप मौजूदा समय में संचालित हो रहे हैं। साथ ही 249 लघु डाल नहरें नदियों के किनारे स्थापित हैं जिन्हें उप्र पॉवर कॉरपोरेशन द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली बिजली से संचालित किया जा रहा है। नलकूपों व लघु डाल नहरों को निर्बाध रूप से बिजली मिल सके इसके लिए स्वतंत्र फीडर से इन्हें बिजली उपलब्ध कराई जाती है।

सरकारी नलकूपों को मिलने वाली बिजली के लिए सिंचाई विभाग को हर साल फिक्स्ड चार्ज के रूप में विद्युत विभाग को 1,250 करोड़ रुपए खर्च करने होते हैं। बावजूद इसके सरकारी नलकूप सही ढंग से संचालित नहीं हो पाते हैं। समय से सरकारी नलकूपों का संचालन न हो पाने से 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल के कृषक सिंचाई से वंचित रह जाते हैं। 

प्रदेश में ऐसे नलकूपों की संख्या भी हजारों में है जो लो वोल्टेज व फ्लक्चुएशन की समस्या से ग्रसित हैं। लो-वोल्टेज की वजह से ऐसे नलकूपों में आए दिन कोई न कोई खराबी आती रहती है जिसकी वजह से खेतों को समय से सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पाता। इन समस्याओं को देखते हुए शासन ने अब सरकारी नलकूपों को सौर ऊर्जा के माध्यम से संचालित कराने का निर्णय लिया है। 

शासन का मानना है कि सौर ऊर्जा के माध्यम से राजकीय नलकूपों व लघु डाल नहरों को संचालित किए जाने से सिंचाई के लिए 6 से 8 घंटे निर्बाध व प्रदूषण मुक्त विद्युत ऊर्जा मिल सकेगी। सौर ऊर्जा के साथ ही नलकूपों के संचालन के लिए ग्रिड पॉवर की भी मदद ली जाएगी। नलकूपों के संचालन के लिए 75 से 85 फीसदी सौर ऊर्जा व 15 से 25 प्रतिशत ग्रिड ऊर्जा का अंश शामिल रहेगा। 

6,076 नलकूप सोलर पैनल से होंगे लैस

हाईब्रिड ऊर्जा यानी की हरित सौर ऊर्जा व ग्रिड ऊर्जा के माध्यम से नलकूपों का संचालन करने के लिए प्रथम चरण में 6076 नलकूपों का चयन किया गया है।

प्रथम चरण में 6076 नलकूप व 57 लघु डाल नहरों को सौर ऊर्जा से संचालित कराया जाएगा। इसके बाद शेष नलकूपों को भी सौर ऊर्जा से जोड़ा जाएगा। प्रदेश में संचालित सरकारी नलकूपों पर सोलर सबमर्सिबल पंप व सोलर पैनल लगाए जाएंगे। 

1,200 करोड़ का होगा निवेश

सौर ऊर्जा से राजकीय नलकूपों को संचालित करने के लिए 1,200 करोड़ रुपए का निवेश प्रथम चरण में किया जाएगा। प्रदेश में यह पहली योजना है जिसमें किसानों के लिए क्लीन व ग्रीन ऊर्जा के माध्यम से राजकीय नलकूप संचालित कराए जाएंगे। 

रिपोर्टर - श्रीवत्स अवस्थी 

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