अब सब्ज़ियां भी थाली से गायब होने की तैयारी में

Update: 2016-07-05 05:30 GMT
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लखनऊ। उपभोक्ताओं को सब्जियों की महंगाई से अभी राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है। मानसून सक्रिय हो चुका है, बारिश के कारण कई स्थानीय हरी सब्जियों लौकी, तरोई, कद्दू, परवल, घुईयां समेत कई सब्जियों के उत्पादन पर असर पड़ सकता है। हालांकि खुदरा बाजार में अभी से कोई भी सब्ज़ी 20 रुपए किलो से नीचे नहीं बिक रही है।

राजधानी की सब्ज़ी बाजार में ज़्यादातर सब्ज़ियां 20 रुपए किलो के पार बिक रहीं है। बाजार में भिंड 28 से 32, धुईयां और कटहल 30 रुपए किलो मिल रहा है। नरही बाजार में टमाटर 60 रुपए किलो निशातगंज में 60 से 80 रुपए किलो बिक रहा है। नवीन मंडी सीतापुर रोड के आढ़ती राहुल कुमार (52) ने बताया कि सूख रही फसलों पिछले चार दिन पहले हुई बारिश से सिंचाई मिल गई थी। इससे उत्पादन बढ़ गया था। इससे स्थानीय सब्जियों के दाम में नरमी आई थी। इसी मंडी में लौकी और चौलाई बेचने आए लखनऊ के पश्चिम दिशा स्थित चिनहट ब्लॉक के दुगौर गाँव के किसान मनोहर लाल (55 वर्ष) ने बताया कि आने वाले दो दिनों में अगर बारिश होती है तो लता वाली सब्जियों की पैदावार पर असर पड़ेगा। उत्पादन घटने से सब्जियां महंगी हो जाएगी।

उत्तराखंड और हिमाचल से भी कमजोर आपूर्ति

लखनऊ में उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से भी हरी सब्जियों शिमला मिर्च, फूलगोभी, पत्तागोभी, फैंचबींस, हरी मटर और गाजर की आपूर्ति हो रही है। दुबग्गा मंडी के आढ़ती इरफान जिलानी ने बताया कि इन राज्यों से दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में भी आपूर्ति हो रही है। इससे लखनऊ में महंगी बिक रही है। वहीं टमाटर कर्नाटक से आ रहा है।

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