अब ठगी से बच पाएंगे किसान

Update: 2016-07-31 05:30 GMT
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लखनऊ। मंडियों में किसानों की लाई गई उपज पर अब आढ़तिये अपनी मर्ज़ी का भाव नहीं लगा सकेंगे। केंद्र सरकार अपनी राष्ट्रीय कृषि बाज़ार सुविधा (ENAM) के तहत देश भर की मंडियों में ENAM लैब स्थापित करवा रही है, जिसमें किसानों की फसलों के भाव ग्रेडिंग के ज़रिए तय किए जाएंगे। उत्तर प्रदेश की 60 मंडियों में किसानों को ये सुविधा मिल सकेगी।

 अप्रैल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में ENAM की शुरुआत करने की घोषणा की थी। इसके बाद कई राज्यों में स्थापित बड़ी मंडियों में ENAM लैब बनवाई जा रही हैं।  अमेठी जिले में 15 बीघे में धान की खेती कर रहे खालिसपुर गाँव के किसान राजकुमार शुक्ला बताते हैं, ‘’किसान अनाज मंडी में व्यापारियों के लगाए रेट पर ही धान बेचते हैं। मंडियों में सिर्फ व्यापारियों का ही बोलबाला रहता है।”उन्होंने आगे बताया कि यह सुविधा हमारी नज़दीकी मंडियों में मिलेगी तो इससे किसान व्यापारियों के मोहताज नहीं रहेंगे और उनकी मेहनत का उन्हें पूरा फल मिल सकेगा। देश में यह सुविधा फिलहाल आठ राज्यों की 23 मंडियों में है। सरकार ने मार्च 2018 तक इस सुविधा को देश की 585 मंडियों तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है।पिछले वर्ष सूखे के कारण किसानों को मंडियों में धान की फसल का सही भाव नहीं मिल पाया था और उन्हें व्यापारियों की मनमानी का सामना करना पड़ा था। ऐसे में इस वर्ष धान की बिक्री से पहले सरकार की इस सुविधा से किसानों को लाभ मिलेगा। किसानों को ENAM लैब का लाभ मिल सके, इसके लिए किसानों का पंजीकरण किया जा रहा है।

पंजीकरण प्रक्रिया में किसानों का खाता नंबर, फसल आदि को विभाग के ENAM पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। फसल की ब्रिकी होने के बाद किसान के खाते में ऑनलाइन पैसा जमा कराया जाएगा।‘’आजकल मंडी में दूसरी जगहों से खराब सब्जियां आ रही हैं। मंडी में बाहर से आए माल पर हमसे टैक्स वसूला जाता है, वो चाहे खराब हों या सही। लैब की मदद सब्जियों को जांचपरख कर मंडी के अंदर आने दिया जाएगा। इससे हमें सिर्फ अच्छे माल पर टैक्स देना होगा।’’ शिखर, टमाटर व्यापारी नवीन गल्ला मंडी, सीतापुर रोड लखनऊ बताते हैं।स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

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