अब चाइनीज भी लेंगे भारतीय बासमती का स्वाद, निर्यात के लिए 19 कंपनियों को मिली मंजूरी

बासमती की नई फसल आने में अभी दो से तीन महीने का वक्त है। ऐसे में बासमती चावल केे निर्यात को चीन से मिली हरी झंडी किसानों के लिए अच्छी खबर कही जा सकती है

Update: 2018-08-06 10:51 GMT

लखनऊ। बासमती चावल से जुड़े किसानों के लिए नई फसल पकने से पहले ही एक अच्छी खबर आ गई है। अब भारत के बामसती चावल का स्वाद चाइना के लोग भी चखेंगे। 19 भारतीय राइस कंपनियों को निर्यात के लिए हरी झंडी मिल गई है।

चीन पहली बार भारत से बासमती चावल का आयात करने जा रहा है। भारत बासमती चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है। कृषि और प्रंसस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के अनुसार भारत ने वर्ष 2016-2017 के दौरान विश्व को 21,604.58 करोड़ रुपए (यानि 3,230.24 अमेरिकी मिलियन डॉलर) मूल्य का 40,00,471.56 मीट्रिक टन बासमती चावल निर्यात किया था जिसमें प्रमुख रूप से सउदी अरब, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, इराक और कुवैत में बड़ी मात्रा में बासमती चावल गया था। ऐसे में अब इस लिस्ट में चीन के आने से मांग में इस साल पांच फीसदी बढ़ोतरी की उम्मीद है, जिसका लाभ किसानों के साथ-साथ इसके व्यापारियों को भी मिलेगा।

चाइना ने जिन 19 भारतीय राइस मिल को आयात के लिए मंजूरी दी है, उसी में से एक कोहिनूर फूड्स लिमिटेड के मैनेजिंग डायेरक्टर गुरनाम अरोरा ने गाँव कनेक्शन को बताया "ये भारती राइस कपंनियों और किसानों के लिए अच्छी खबर है। मांग बढ़ने से किसानों को बढ़िया दाम मिलेगा। लुइस ड्रेफस, कोफको एग्री जैसी बड़ी चाइनीज ट्रेडिंग कंपनियों के अलावा बीजिंग गुचुआन राइस मिल्स और नाइस फूड्स जैसी कंपनियां भी हमारे साथ काम करना चाहती हैं।


बेस्ट फूड लिमिटेड, सरवेश्वर फूड लिमिटेड, एलटी फूड लि., एसएस, इंटरनेशनल लि., सन स्टार ओवरसीज लि., केआरबीएल लि., कोहिनूर फूड्स लि., इब्रो इंडिया प्रा. लि., अमीरा प्योर फूड्स प्रा. लि., परी इंडिया, डीआरआरके फूड्स प्रा. लि., नेचर बायो फूड्स लि., एमआर ओवरसीज प्रा. लि, यूनाइटेड एक्सपोर्ट, चमन लाल सेतिया एक्सपोर्ट लि., सुपेल टेक इंडस्ट्रीज प्रा. लि., अडानी विलमार लि., श्री गजानन इंडस्ट्रीज और श्रीराम फूड इंडस्ट्री प्रा. लि., इन 19 कपंनियों को चाइना ने निर्यात के लिए मंजूरी दी है। और ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि अभी कुछ और कपंनियों को अनुमति मिल सकती है।

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अडानी विलमार लिमिटेड के राइस टेक्निकल हेड योगेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया "हमें चाइना से बासमती चावल भेजने की अनुमति मिल गई है। लेकिन कितनी मात्रा में भेजनी है, इसकी कोई जानकारी नहीं मिली है। अभी हमारे यहां से कुछ नए और पुराने चावल के सैंपल भेजे जाएंगे। उसके बाद ही ऑर्डर सुनिश्चित होगा। चाइना के लोगों को चिपचिपा चावल पसंद आता है। ऐसे में हो सकता है कि हमारे यहां से पहली खेप में नया चावल भेजा जाए। 15 सितंबर के बाद ही पूरी स्थिति साफ हो पाएगी। हो सकता है कि निर्यात की शुरूआत 300 टन से हो।"

दुनिया के 70 प्रतिशत बासमती चावल की उपज भारत में ही होती है। भारत के बाद पाकिस्तान का नंबर आता है। भारत ही यूरोपीय संघ और शेष विश्व में बासमती चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है। 2015-16 में भारत ने 22,727 करोड़ रुपए मूल्य के बराबर 40,05,000 टन बासमती चावल का निर्यात किया जिसमें से 1,930 करोड़ रुपए (तीन अरब डॉलर) मूल्य के बराबर 3,80,000 टन यूरोपीय संघ के देशों में गया। 

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