केंद्र सरकार ने चार लाख मीट्रिक टन उड़द दाल के आयात को दी मंजूरी

भारत में उड़द दाल का आयात सबसे ज्यादा म्यांमार से होता है, लेकिन वहां राजनीति अस्थिरिता है इस वजह से उन्होंने भारत सरकार से इस पर जल्द से जल्द निर्णय लेने की मांग की थी।

Update: 2021-03-05 13:15 GMT
पिछले साल भी देश में 4 लाख मीट्रिक टन उड़द दाल का आयात हुआ था।

केंद्र सरकार ने वर्ष 2021-22 के लिए चार लाख मीट्रिक टन उड़द दाल के आयात को मंजूदी दे दी है। इस साल उड़द दाल की कीमतें 10 से 12 फीसदी तक बढ़ी हैं और देश के कई राज्यों में उत्पादन भी प्रभावित हुआ है। वित्त वर्ष 2020-21 में भी भारत ने इतना ही उड़द दाल आयात किया था।

भारत में उड़द दाल का आयात सबसे ज्यादा म्यांमार से होता है, लेकिन वहां राजनीति अस्थिरिता है इस वजह से उन्होंने भारत सरकार से इस पर जल्द से जल्द निर्णय लेने की मांग की थी।

मध्यप्रदेश, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में उड़द का उत्पादन कुछ कम हुआ साथ ही कुछ राज्यों में उड़द की फसलों में बीमारी लगने और पानी अधिक गिरने की वजह से फसलें खराब हुई थीं।

इसका असर यह पड़ा है कि उड़द दाल की कीमत सरकार की तय कीमत (न्यूनतम समर्थन मूल्य) से ज्यादा पहुंच गई है। बाजार में उड़द दाल की थोक कीमत इस समय 9,000 से 10,000 रुपए प्रति क्विंटल पहुंच गई है जबकि सरकार ने इसकी कीमत 6,000 रुपए क्विंटल तय की है।

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ऑल इंडिया दाल मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने गांव कनेक्शन को फोन पर बताया, "पहले उड़द दाल आयात करने की अनुमति कुछ महीनों के लिए मिलती थी, लेकिन इस साल हम पूरे साल आयात कर सकते हैं। पिछले साल आयात के लिए बहुत कम समय मिला था जिसकी वजह से बाजार में उड़द की कीमत काफी बढ़ गई। म्यांमार में सरकार बदलने के कारण भी आयात में मुश्किलों का सामना करना पड़ा।"

उड़द आयात के लिए जारी केंद्र सरकार की अधिसूचना

भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के विदेश व्यापार निदेशालय (DGFT) ने तीन मार्च 2021 को अधिसूचना जारी कहा कि आगामी वित्तीय वर्ष 01/04/2021 से 31/03/2022 तक की अवधि के लिए दाल मिलर्स एवं रिफाइनर्स को 4 (चार) लाख मीट्रिक टन उड़द आयात करने के लिए आवेदन आमंत्रित किये गए हैं। आयात की अनुमति दाल मिलर्स को प्रदान की गयी है, इसका वितरण सरकार द्वारा निर्धारित किया जायेगा।

सुरेश अग्रवाल ने बताया कि इस संदर्भ में वित्त मंत्री पीयूष गोयल से हमारी बात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई थी जिसमें हमने मांग की थी कि आयात की सीमा कम से कम एक साल रहे ताकि हम अच्छी गुणवत्ता वाली दाल ही आयात करें।

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