देशभर की मंडियों में पांच अप्रैल तक एमएसपी पर 3.49 लाख टन गेहूं की खरीद हुई, हरियाणा सरकार ने बदला नियम

सरकार की रिपोर्ट के अनुसार पांच अप्रैल तक 3.49 लाख टन से ज्यादा गेहूं की खरीद एमएसपी पर हुई है। इसके लिए 4.45 लाख किसानों को 690.82 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया जा चुका है।

Update: 2021-04-08 07:45 GMT

देश के ज्यादातर राज्यों में 1 अप्रैल से शुरू हो चुकी है। फोटो साभार- पंजाब मंडी बोर्ड

केंद्र सरकार ने खरीद वर्ष 2021-22 में अब तक 3.49 लाख टन गेहूं की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की है। जिसके बदले में किसानों को 691 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया गया है। रबी विपणन सत्र (आरएमएस) के लिए देशभर की मंडियों में एक अप्रैल से गेहूं की खरीद हो रही है।

सरकार की रिपोर्ट के अनुसार पांच अप्रैल तक 3.49 लाख टन से ज्यादा गेहूं की खरीद एमएसपी पर हुई है। इसके लिए 4.45 लाख किसानों को 690.82 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया जा चुका है। रिपोर्ट में कहा बताया गया है कि खरीफ विपणत्र सत्र (अक्टूबर-सितंबर) 2020-21 में धान की खरीद बिना किसी रुकावट के जारी है।

पांच अप्रैल तक 695.23 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले वर्ष की इसी समान अवधि में 622.32 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया था। मौजूदा खरीफ विपणन सत्र में लगभग 102.98 लाख किसानों को एमएसपी मूल्य पर 1,31,247.46 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।

सरकार ने बताया कि प्रदेशों से मिले प्रस्ताव के आधार पर तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से खरीफ विपणन सत्र 2020-21 एवं रबी विपणन सत्र 2021 के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत 107.08 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद को भी मंजूरी दी गई है। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों से 1.23 लाख मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद के लिए भी स्वीकृति दी गई है।

हरियाणा में गेहूं खरीद के नियम बदले

हरियाणा सरकार ने प्रदेश में गेहूं खरीद के नियम में बदलाव किये हैं। अब बिना एसएमएस के भी मंडी में गेहूं लेकर आने वाले किसानों की फसल खरीदी जाएगी। सरकार ने गेहूं खरीद को लेकर किसानों के लिए पहले से लागू कई शर्तों को वापस ले लिया है।

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि मेरी फसल मेरा ब्योरा में दर्ज किसान की फसल बिना मैसेज की तारीख के भी हो सकेगी। उसी दिन फसल की खरीद कर ली जाएगी इस तरह के आदेश भी अधिकारियों को दिए गए हैं। कृषि मंत्री के अनुसार किसानों को जहां पोर्टल पर रिकार्ड अपडेट करने में इंटरनेट की समस्या आ रही है, वहां सभी कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे फसल का ब्योरा दर्ज करने के लिए अपने-अपने क्षेत्र के किसानों को सहयोग करें।

हरियाणा में करीब 400 खरीद केंद्रों पर एक अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू हो चुकी है। वर्तमान में किसानों की आवक कम हो रही है, जिसके चलते मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल को पंजीकरण के लिए दोबारा खोला गया है।

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