अन्य प्रदेशों की तुलना में उप्र के नेता अधिक निष्ठुर : योगेंद्र यादव

Update: 2015-10-12 05:30 GMT

बीघापुर(उन्नाव)। प्रदेश सरकार के नेता इतने निष्ठुर हो गए हैं कि उन्हें किसानों की समस्याएं भी नहीं दिखाई दे रहीं। आेलावृष्टि व अतिवृष्टि में किसानों की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई। प्रदेश सरकार ने मुआवजा बांटने का ढोंग रचा। जिन किसानों को असल में मुआवजा चाहिए था उन्हें मिला ही नहीं जबकि अपात्रों ने इसका लाभ उठाया। यह बात जय किसान आन्दोलन के मुखिया और पूर्व आम आदमी पार्टी नेता योगेन्द्र यादव ने किसान संवेदना यात्रा के तहत सोमवार को बीघापुर विकास खण्ड के पाही गाँव में किसानों की समस्याएं सनकर कहीं। योगेन्द्र यादव ने अतिवृष्टि, आेलावृष्टि और सूखे से होने वाले नुकसान के विषय में गाँवों के किसानों से विस्तार से जानकारी ली। किसानों ने बताया कि गेहूं की फसल आेलावृष्टि से पूरी तरह से नष्ट हो गई थी परन्तु सरकार ने उसका कोई मुआवजा अभी तक हमें नहीं दिया।

किसानों ने अपनी समस्याएं सुनाते हुए कहा कि जिन गाँवों के किसानों को मुआवजा दिया भी गया तो उसमें भी अपात्रों का ही चयन हुआ। वहीं इस वर्ष सूखे के कारण धान की फसल भी चौपट हो गई। सरकार न तो नहर में पानी दे सकी और न ही बिजली। उन्होनें पूछा कि क्या आप लोग फसल का बीमा करवाए थे जिसपर एक किसान ने बताया कि बीमा तो कराया था पर बैंक ने बीमा की किस्त मेरे खाते से काटने के बाद भी उसे बीमा कम्पनी को नहीं दी जिससे मुझे फसल नुकसान की भरपाई बीमा कम्पनी की आेर से नहीं मिल सकी। किसानों से बैंत करने के बाद योगेंद्र यादव ने पत्रकारों से भी बात की। जिसमें उन्होंने कहा कि पूरे देश का 4 प्रतिशत सूखा केवल उप्र में है परन्तु इसके बाद भी यह आपदा किसी सरकार को दिखाई नहीं दे रही। मराठवाड़ा के किसान नाना पाटेकर जैसी सेलीब्रेटी के कारण कुछ अधिक चर्चा में आए जबकि वहां सूखे का प्रभाव 4 प्रतिशत ही हैं और उप्र के बुन्देलखण्ड में यह प्रतिषत 45 है। जय किसान आन्दोलन के उद्देश्य के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस आन्दोलन के माध्यम से किसानों की राष्ट्रीय शक्ति को ऊपर उठाना है। उन्होंने आगे कहा कि किसानों की इन सभी समस्याआें को मैं आज ही चिट्ठी लिखकर उप्र सरकार और प्रधानमंत्री को भी अवगत कराऊंगा। योगेन्द्र यादव के साथ कोलकाता से अविक साहा, पीएस शारदा, महाराष्ट्र से प्रत्यूश, बिहार से आमोल, उप्र से अर्चना श्रीवास्तव व अनमोल मौजूद रहीं। 

रिपोर्ट - श्रीवत्स अवस्थी

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