अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गए मिनी सचिवालय

Update: 2016-01-18 05:30 GMT
गाँव कनेक्शन

बिशुनपुर (बाराबंकी)। पंचायत से जुड़े मुद्दों को हल करने व ग्रामसभा में होने वाले विकास कार्यों की रणनीति तैयार करने के लिए सरकार हर वर्ष लाखों खर्च कर मिनी सचिवालय बनवाती है। मगर विभागीय लापरवाही के कारण इन सचिवालयों का हाल बुरा है।

बाराबंकी जिले के मोहनपुर विकासखंड के धर्मपुर गाँव में चार वर्ष पूर्व बना मिनी सचिवालय वर्तमान में आवारा पशुओं का ठिकाना बना हुआ है। पंचायत घर में आस-पास इसमें बड़ी-बड़ी घास व झाडिय़ां लगी हुई हैं, जिसकी देखरेख करने वाला कोई नही है।

मिनी सचिवालय के पास खड़े गाँव के रामदीन लोधी (53 वर्ष) बताते हैं, ''कई वर्षों से पंचायत घर बंद पड़ा है। इसकी खिड़किया टूटी हैं और दरवाज़े भी उखड़े पड़े हैं, आवारा जानवर और झाडिय़ां ही बची हैं। इसकी साफ-साफाई दो वर्षों से नहीं हुई है।’’

कितरौली गाँव में बना पंचायत घर भी कर्मचारियों की उदासीनता का शिकार है। यह भवन पूरी तरह से जर्जर हो गया है। पंचायत घर में दरवाजे गायब हो चुके हैं, गाँव के सदाशिव गुप्ता (49 वर्ष) बताते हैं,''मिनी सचिवालय व पंचायत घर होने के बावजूद पंचायत की बैठकें इधर-उधर खुले में होती हैं। पंचायत घर में लगी लाइटें भी टूटी हैं और कुछ गाँववाले इसमें कूड़ा भी डालने लगे हैं।’’ ग्राम पंचायत सफीपुर का मिनी सचिवालय ग्रामीणों के कंडे पाथने के काम आ रहा है। पहले पंचायत घर पर गाँव के समारोह और बैठकें होती थी पर सफाई ना होने के कारण लोगों ने यहां आना बंद कर दिया।

ग्रामीणों का कहना है, ''पंचायत भवन में साफ-सफाई व इसको सही कराने के लिए हम सभी ने प्रधान से मिल कर तहसील दिवस पर इसकी शिकायत की थी। पर आज तक इसका हाल जानने कोई भी अघिकारी गाँव में नहीं आया।’’

रिपोर्टर - अरुण मिश्रा

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