बारिश खोल देगी नगर निगम के दावों की पोल

Update: 2016-05-10 05:30 GMT
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लखनऊ। बारिश में शहर की गलियां पानी से भरकर तालाब नजर न आएं, इसलिये नगर निगम हर वर्ष नालों के सफाई के लिये करोड़ों रुपए खर्च करता है लेकिन इतने पैसे में किस नाले की सफाई में जाते हैं इसका अनुमान इस फोटो से लगाया जा सकता है।

शहर के दर्जनों नालों में पालीथीनों का मलबा भरा पड़ा है जिसकी वजह से जगह-जगह पानी भरा पड़ा है। नालियां चोक हैं। जमे पानी की दुर्गन्ध से आस पास के रहने वाले लोग परेशान रहते हैं लेकिन नगर निगम विभाग को इसकी कोई परवाह नहीं है।

मौसम विभाग के अधिकारी एके गुप्ता के अनुसार आने वाले कुछ दिनों में शहर में बारिश होने के आसार है। यदि बारिश हुई तो हर साल की तरह इस वर्ष भी नगर निगम के नालों की सफाई की पोल खुलने वाली है क्योंकि शहर के अधिकांश नालों में पालीथीन के कारण पानी रुक गया है।

चौक के पाटा नाला के किनारे रहने वाले किशोर (45 वर्ष) बताते हैं कि बारिश होने से पहले नगर निगम का कोई भी कर्मचारी नाले की सफाई के लिये नहीं आता है। बारिश होने के बाद जब नाले और नालियों में पानी जाम होकर सड़क पर बहने लगता है तभी नगर निगम के अधिकारी इनकी स्थिति का जायजा लेने आते हैं। साथ ही यहां पर नाले के पास से काफी दुर्गंध आती है।  

पांच करोड़ रुपएहै साल का बजट 

शहर के नालों के सफाई के लिये नगर निगम द्वारा इस वर्ष पांच करोड़ रुपए का बजट पास किया गया है लेकिन इस बजट का प्रयोग नालों की वर्तमान सफाई में नजर नहीं आ रहा है।

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