नासिक (भाषा)। महाराष्ट्र के नासिक ज़िले में मौजूद 12 छोटे और मध्यम जलाशयों में पानी के सूख जाने से यहां पानी की कमी की समस्या और गहरा गई है। नासिक जिले में मौजूद कुल 23 जलाशयों में से 16 मध्यम और सात बड़ी क्षमता वाले हैं।
जिला कलेक्टर कार्यालय के एक सूत्र ने बताया कि पिछले पखवाड़े में कोई मानसून पूर्व बारिश नहीं हुई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 14 जून तक जिला जलाशयों में 2274 एमसीएफटी पानी मौजूद था। इससे पता चलता है कि वहां 11 बांधों में केवल तीन प्रतिशत पानी ही शेष है।
नाशिक शहर में पानी के मुख्य स्रोत गंगापुर, कश्यपी और गौतमी गोदावरी बांध हैं। उनमें केवल 1120 एमसीएफटी (12 प्रतिशत) पानी ही शेष है। सूत्रों ने कहा कि मानसून के देरी से आने पर यहां पानी की समस्या ओर तेजी से बढ़ सकती है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक नासिक राजस्व संभाग जिसमें नासिक, जलगाँव, धूले, नंदुरबार और अहमदनगर आते हैं, वहां 353 गाँवों और 557 बस्तियों में 350 टैंकरों के जरिए पानी पहुंचाया जाता है।
मेयर अशोक मुर्तड़क के अनुसार नासिक नगर निगम ने निजी पानी टैंकर आपूर्तिकर्ताओं से पवित्र रामकुंड में पानी उपलब्ध करवाने की गुहार लगाई है, ताकि तीर्थयात्री वहां डुबकी लगा सकें। उन्होंने स्थानीय लोगों से भी वहां कपड़े न धोने और अपशिष्ट पदार्थ व खाने को तलाब में न फेंकने को कहा है। पिछले सप्ताह टैंकर मालिकों ने अपने पास उपलब्ध पानी से रामकुंड को भर दिया था।