अगर सोशल मीडिया पर शेयर किया है अपना कोविड-19 वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट तो हो जाएं अलर्ट

गृह मंत्रालय की ओर से साइबर दोस्त अकाउंट के जरिए किया गया इस सिलसिले में ट्वीट। कहा, सर्टिफिकेट में होती है निजी जानकारी, जिसका इस्तेमाल आपसे धोखाधड़ी करने में हो सकता है।

Update: 2021-05-27 09:46 GMT

गृह मंत्रालय की ओर से साइबर सुरक्षा जागरुकता को लेकर बनाए गए साइबर दोस्त अकाउंट से ट्वीट किया गया है।

अगर आप भी कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं तो आप मुश्किल में पड़ सकते हैं। भारत सरकार ने सोशल मीडिया पर कोविड-19 वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट शेयर करने के खिलाफ चेतावनी जारी की है।

इस समय देश भर में 18 से 44 आयु वर्ग के लिए वैक्सीनेशन चल रहा है। वैक्सीन का पहला या दूसरा डोज लगाने के बाद सरकार की तरफ से कोविड-19 वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। सर्टिफिकेट में लोगों की निजी जानकारी जैसे नाम, उम्र, लिंग दर्ज होती है। सर्टिफिकेट को सोशल मीडिया पर शेयर करने पर लोगों की निजी जानकारी भी शेयर हो जाती है।

इसे लेकर गृह मंत्रालय की ओर से साइबर सुरक्षा जागरुकता को लेकर बनाए गए साइबर दोस्त अकाउंट से ट्वीट किया गया है। ट्वीट में लिखा है, "वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को सोशल मीडिया पर शेयर करने से सावधान क्योंकि वैक्सीन सर्टिफिकेट में आपका नाम और अन्य निजी जानकारी होती है।"

ट्वीट में यह भी कहा गया है कि वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट सोशल मीडिया पर शेयर नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि धोखेबाज आपको धोखा देने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

कब पड़ सकती है वैक्सीन सर्टिफिकेट की जरूरत

वैक्सीन के हर डोज के बाद एक सर्टिफिकेट जारी किया जाता है, जिसमें वैक्सीन लगवाने वाले की व्यक्तिगत जानकारी होती है। यह सर्टिफिकेट भविष्य में विदेश यात्रा समेत कई महत्वपूर्ण काम के लिए जरूरी हो सकता है। कोविड-19 वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को आप आरोग्य सेतु ऐप या फिर कोविन वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं।


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