क्या डिजिटल इंडिया के तहत ग्राम पंचायतों में लगवाए जा रहे हैं मोबाइल टावर? जानिए सच्चाई

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक खबर के अनुसार डिजिटल इंडिया के तहत केंद्र सरकार ग्राम पंचायतों में वाई फाई टावर लगवा रही है। इसमें अपने जमीन पर टावर लगवाने को 30 लाख रुपए और परिवार के एक सदस्य को 25 हजार रुपए प्रति महीने की नौकरी भी मिलेगी। जानिए क्या है सच्चाई?

Update: 2021-11-03 07:15 GMT

सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया के तहत गाँवों में वाई फाई टॉवर लगवा रही है, यही नहीं टावर लगवाने पर एक नौकरी और साथ में किराया भी दिया जाएगा।

वायरल हो रहे मैसेज में लिखा है कि "यह पत्र आपके (मोबाइल वाई-फाई) नेटवर्क डिजिटल इण्डिया की तरफ से भेजा गया है। आपको सूचित किया जाता है कि आपके ग्राम सभा में आपके जगह को (वाई-फाई डिजिटल इंडिया) के तहत नेटवर्क द्वारा सर्वे टीम उस जगह की जांच पड़ताल करके (फ्रीक्वेंसी) चेककर लिया गया है, जगह आपके नाम पर पास है। ऐसा सुरक्षा कि दृष्टि एवं दूसरी कंपनियों के नेटवर्क को ध्यान में रखते हुए किया गया है।"

आगे लिखा है, "आपको सूचित किया जाता है कि जिस जगह पर (वाई-फाई नेटवर्क) लगेगा उस जगह पर किराए के रूप में प्रतिमाह 25000/- रुपए जगह के एडवांस के रुपए में कम्पनी 30 लाख रुपए और 20 वर्षों का कोर्ट एग्रीमेंट व एक व्यक्ति को स्थाई कर्मचारी के रुप में नौकरी दी जाती है, जिन्हें प्रति महीने 25000 रुपए दिए जाएंगे। उनकी योग्यता 10वीं पास होना अनिवार्य है।"

यही नहीं आगे लिखा है कि आपको आवेदन के रूप में 730 शुल्क जमा करना होगा। आवेदन कर्ता के शुल्क जमा करने 96 घंटे के अंदर (वाई-फाई नेटवर्क) काम शुरू कर दिया जाएगा।

इस वायरल हो रहे मैसेज पर पीआईबी फैक्ट चेक ने ट्वीट जरिए कहा है कि एक अनुमोदन पत्र में दावा किया गया है कि भारत सरकार के तहत मोबाइल टावर स्थापित कर रही है। पत्र में पंजीयन शुल्क के बहाने 730 रुपये देने की भी मांग की जा रही है। यह दावा है फेक है। भारत सरकार ने ने यह अनुमोदन पत्र जारी नहीं किया है।

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