बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया है भारत का वृद्धि दर का आंकड़ा: मार्गन स्टेनली

Update: 2016-07-03 05:30 GMT
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नई दिल्ली (भाषा)। भारत की आर्थिक वृद्धि के आंकड़ों पर संदेह जाहिर करते हुए मार्गन स्टेनली के मुख्य वैश्विक रणनीतिककार रचिर शर्मा ने कहा कि इन्हें बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया है और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अधिक निजी निवेश की ज़रुरत है।

शर्मा ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद का आंकड़ा बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया है।'' भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2015-16 की चौथी तिमाही के दौरान 7.9 प्रतिशत रही जिससे उक्त वित्त वर्ष में कुल सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर पांच साल के उच्चतम स्तर 7.6 प्रतिशत पर रही।

मुद्रास्फीति के बारे में उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक का इस साल मुद्रास्फीति को पांच प्रतिशत पर लाने का फैसला उभरते बाजार की अर्थव्यवस्थाओं के औसत के अनुरुप है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप चीन, कोरिया, ताइवान विश्व की सबसे सफल अर्थव्यवस्थाओं पर नज़र डालें जिन्होंने तेजी से वृद्धि दर्ज की है, तो स्पष्ट होता है कि उन्होंने उस दौरान काफी तेजी से वृद्धि की जबकि मुद्रास्फीति कम थी।''

शर्मा ने कहा, ‘‘उच्च मुद्रास्फीति के साथ कोई भी अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन नहीं करती। इसलिए इन देशों की सारी चमत्कारिक अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति उभरते बाजार के औसत से कम रही है।'' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया पहल का उल्लेख करते हुए शर्मा ने बाजार हिस्सेदारी में बढ़त के महत्व को रेखांकित किया, क्योंकि चीन का निर्यात घट रहा है और यह अधिक महंगा होता जा रहा है, वहां वेतन भी बढ़ा है। जिन देशों को लाभ हो रहा है उनमें वियतनाम, बांग्लादेश और कम्बोडिया शामिल हैं।

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