लखनऊ। आज के दौर में चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) प्रोफेशन करियर के रूप में लोगों के बीच काफी लोकप्रिय बन गया है। इसकी शुरुआत देश में चार्टर्ड अकाउंटेंट एक्ट लागू करने के साथ वर्ष 1949 में हुई थी। इस कोर्स को चलाने के लिए 1949 में ही द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट ऑफ इंडिया (आईसीएआई) का गठन किया गया था। इसके बारे में बता रहे हैं, लखनऊ के कॅरियर काउंसलर विवेक मिश्रा...
1. कॉमन प्रोफिसिएंसी टेस्ट (सीपीटी):
सीए में करियर बनाने के लिए इसकी शुरूआत कॉमन प्रोफिसिएंसी टेस्ट सीपीटी से होती है जिसे पास करने के बाद ही छात्र अपने लक्ष्य के पहले पड़ाव को पार कर दूसरे पड़ाव पर पहुंच सकता है। इसमें चार विषयों जैसे अकाउंटिंग, मर्केटाइल लॉ, जनरल इकोनॉमिक्स एवं क्वांटिटेटिव एप्टीटय़ूड को शामिल किया जाता है।
2. इंटीग्रेटेड प्रोफेशनल कंपीटेंस कोर्स (आईपीसीसी):
इसमें अकाउंटिंग, बिजनेस और कंपनी लॉ, एथिक्स एंड कम्युनिकेशन, कास्ट अकाउंटिंग एवं फाइनेंशियल मैनेजमेंट, टैक्सेशन, एडवांस अकाउंटिंग, आईटी एंड स्ट्रेटेजिक मैनेजमेंट आदि विषयों को शामिल किया गया है।
3. फाइनल कोर्स (एफसी):
यह सीए कोर्स की लास्ट स्टेज है। इसे स्टूडेंट्स को फाइनेंशियल रिपोर्टिंग, ऑडिटिंग, प्रोफेशनल एथिक्स, टैक्सेशन, कॉरपोरेट लॉ, सिस्टम कंट्रोल, स्ट्रेटेजिक फाइनांस व एडवांस मैनेजमेंट अकाउंटेंसी के बारे में जानकारी दी जाती है। फाइनल कोर्स पूरा करने के साथ ही स्टूडेंट्स को जनरल मैनेजमेंट एंड कम्यूनिकेशन स्किल्स (जीएमसीएस) कोर्स भी कंपलीट करना होता है।
कैसे करें तैयारीः
मान्यता प्राप्त बोर्ड से कार्मस स्ट्रीम में 12वीं पास करने के बाद कोई भी स्टूडेंट्स सीए में करियर बना सकता हैं। कई बार स्टूडेंट्स सीए की दौड़ में भाग लेने के लिए अपनी शुरूआत ग्रेजुएशन के बाद भी करते हैं। लेकिन सीए कोर्स की लंबी अवधि के कारण सीए की शुरूआत का सही समय 12वीं पास करने के बाद का ही होता है। सीए की तैयारी के लिए छात्रों को पहले अकाउंटिग में मजबूत पकड़ बनानी चाहिए।
संभावनाएंः
सीए बनकर आप देश-विदेश की कंपनियों में फाइनांस, अकाउंट एवं टैक्स डिपार्टमेंट में फाइनांस मैनेजर, अकाउंट मैनेजर, फाइनेंशियल बिजनेस एनालिस्ट, ऑडिटिंगइंटरनल ऑडिटिंग, मैनेजिंग डायरेक्टर, सीईओ, फाइनेंस डायरेक्टर, फाइनेंशियल कंट्रोलर, चीफ अकाउंटेंट, चीफ इंटरनल ऑडिटर जैसे पदों पर काम कर सकते हैं।