भारत अमेरिका नौवहन क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमत

Update: 2016-07-19 05:30 GMT
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लास एंजलिस (भाषा)। अमेरिकी बंदरगाह कंपनियों ने विशेष तौर पर सागरमाला कार्यक्रम के तहत बंदरगाह केंद्रित विकास में गहरी रचि दिखाई है। यह बात भारतीय अधिकारियों ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की हाल की सप्ताह भर लंबी अमेरिका यात्रा के बाद कही।

गडकरी ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान पोर्ट ऑफ लांग बीच का दौरा किया। अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान गडकरी ने भारत के प्रमुख कंटेनर बंदरगाह जवाहरलाल नेहरु पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) के साथ संयुक्त उद्यम की संभावना पर विचार किया ताकि प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और द्विपक्षीय वाणिज्य बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने नए बंदरगाह के निर्माण और विकास, मौजूदा बंदरगाहों पर नए टर्मिनल बनाने, तटीय आर्थिक क्षेत्र, ड्रेजिंग, जहाज निर्माण, जहाज की मरम्मत, जहाज का पुनर्चक्रण, अंतरर्देशीय जलमार्ग के विकास आदि में निवेश संभावनाओं की पेशकश की।

गौरतलब है कि 150 परियोजनाओं वाली सागरमाला परियोजना में 50-60 अरब डालर का बुनियादी निवेश जुटाने और औद्योगक वृद्धि को प्रोत्साहित करने के संबंध में और  100 अरब डालर जुटाने की क्षमता है। गडकरी ने इस दौरान सागरमाला के उद्देश्यों की भी चर्चा की जिसके तहत आयात-निर्यात के लिए लाजिस्टिक्स की लागत घटाने औह न्यूनतम बुनियादी ढांचा निवेश के साथ घरेलू व्यापार और 40 लाख नए प्रत्यक्ष और 60 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन का लक्ष्य रखा गया है।

गडकरी इससे पहले सड़क मार्ग से सॉन फ्रांसिस्को से लॉस एंजलिस पहुंचे थे। अधिकारियों ने बताया कि मंत्री स्वयं सड़क मार्ग से चलकर इस तटीय मार्ग में सड़क सुरक्षा के लिये राजमार्ग निर्माण, सड़कों के संकेतक और दूसरे प्रभावी उपायों में अपनाई गई आधुनिक तकनीक का खुद अनुभव करना चाहते थे। गडकरी ने यह सब समझने  देखने के लिये 800 किलोमीटर की सडक यात्रा की जो 10 घंटे में पूरी हुई।

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