गाँव कनेक्शन ब्यूरो
नई दिल्ली। एग्री सेक्टर के विकास के लिए भारत और अरमेनिया के बीच एक बड़ा करार हुआ है। इस नए समझौते के बाद अरमेनिया कृषि विकास और उससे जुड़ी तकनीक भारत के साथ साझा करेगा। केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह और आर्मेनिया के कृषि मंत्री सर्गोकरापेत्यान कृषि के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए इस समझौते पर दस्तखत किए।
किन क्षेत्रों पर रहेगा फोकस
-पादप प्रजनन
-कृषि फसल बीज प्रजनन
-पादप संरक्षण
-भैंस प्रजनन
-कुक्कुट पालन
-दुग्ध उत्पादन और प्रसंस्करण
-सूखी ज़मीन में कृषि संगठन पर अनुभवों का आदान प्रदान
-कृषि खाद्य परिसर में खेती की नई तरीकों का विकास
-कृषि शिक्षा
-कृषि विशेषज्ञों के लिए ट्रेनिंग
-सिंचाई और जल प्रबंधन
-फलदार वृक्षों के आदान-प्रदान की उन्नत प्रौद्योगिकी प्रणाली
-फलदार वृक्षों के रोग प्रबंधन में तकनीकी विशेषज्ञों का आदान-प्रदान
-मशीनरी/उपकरणों समेत खेती के मशीनीकरण में टेक्नोलॉजी का आदान-प्रदान
-सिंचाई, जल प्रबंधन टेक्नोलॉजी के साथ उच्च तकनीकी बागवानी
-प्रसंस्करण क्षेत्र में टेक्नोलॉजी पर जानकारी का आदान-प्रदान
-पशु पहचान सहित पशु पालन और कृषि जनसंख्या क्षेत्र में मदद
इस समझौते में संयुक्त कार्य समूह और कार्य योजना तैयार करने का भी प्रावधान है। यह शुरू में 5 साल के लिए वैध होगा और इसे पांच साल से आगे भी बढ़ाया जा सकेगा। दोनों मंत्रियों ने पशु पहचान, सहकारिता, कृषि मशीनरी, पादप प्रजनन और कृषि वैज्ञानिकों और छात्रों के आदान-प्रदान जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान करते हुए जल्दी से जल्दी संयुक्त कार्य समूह गठित करने का भी फैसला लिया है।