श्री अन्न की पैदावार करने वाले किसानों को बेहतर कीमत देगी यूपी सरकार

दुनिया में अन्न संकट की आशंका को देखते हुए सरकार किसानों को मिलेट्स का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को भरोसा दिलाया है कि अगर वो मोटा अनाज उगाते हैं तो उन्हें अच्छी कीमत दी जाएगी।

Update: 2023-10-27 12:12 GMT

अगर आप मिलेट्स की खेती करते हैं तो उत्तर प्रदेश सरकार आपको बेहतर कीमत देगी।

जी हाँ, ये सरकार खुद कह रही है।

प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा है कि जो किसान इसका उत्पादन करेगा उसे उचित पैसा देने की गारंटी इस सरकार की है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए नवाबों के शहर लखनऊ में 'श्री अन्न महोत्सव' का आयोजन किया है जो तीन दिन चलेगा। पहले दिन 27 अक्टूबर को श्री अन्न राज्य प्रदर्शनी के उद्घाटन के साथ ही मिलेट्स उत्पादक किसानों को सम्मानित भी किया गया।

श्री अन्न महोत्सव और श्री अन्न राज्य प्रदर्शनी का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया।

उन्होंने कहाँ कि श्री अन्न का उत्पादन हमारी वैदिक परम्परा है जिसका उत्पादन राज्य में काफी पहले से होता रहा है। मौजूदा समय में अन्न की बढ़ती माँग को देखते हुए जरुरी है कि मोटे अनाज की खेती ज़्यादा से ज़्यादा की जाए।

सरकार का मानना है कि अगर किसान धान, गेंहूँ की तुलना में मोटे अनाज की खेती करते हैं तो उसकी कीमत तेज़ी से बढ़ने वाली है।


प्रदेश में 12 लाख हेक्टेयर पर अब मोटे अनाज की खेती की जा रही है। ज्वार,बाजरा और कोदो की खेती में अब किसान दिलचस्पी ले रहे हैं। राज्य के 30 जिलों में इसबार केन्दों से श्री अन्न की खरीददारी होगी।

इंदिरा गाँधी प्रतिष्ठान में शुरू हुए 'श्री अन्न महोत्सव' में पहले दिन छह मंडलों, दूसरे दिन पाँच मंडलों और तीसरे दिन सात मंडलों के किसान कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। पहले दिन लखनऊ,कानपुर, अयोध्या, बस्ती, आजमग़ढ और देवीपाटन मंडल के किसानों ने इसमें हिस्सा लिया।

महोत्सव में करीब 40 स्टॉल भी लगाए गए हैं जिनमें विभिन्न विभागों, किसान उत्पादक संगठनों और होटलों के स्टॉल शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देने के लिए तमाम योजनाएँ चला रही है। इस मंशा से सरकार ने दिसंबर में प्रस्तावित कृषि कुंभ के पहले श्री अन्न महोत्सव के ज़रिए किसानों को मोटे अनाजों के उत्पादन के साथ पारंरिक खेती के लिए जागरूक कर रही है।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किया गया है। श्री अन्न महोत्सव में गेंहूँ और चावल जैसे मुख्य अनाजों पर निर्भरता कम करने के लिए बड़े पैमाने पर बाजरा की खेती और प्रचार पर भी इस दौरान चर्चा होगी।

लखनऊ की चटोरी गली सड़क, जो स्ट्रीट फूड का केंद्र है वहाँ मोटे अनाज से तैयार पकवानों की प्रतियोगिता रखी गई है। विजेताओं को कृषि विभाग की तरफ से सम्मानित किया जाएगा।

भारत में लगभग छह से सात तरीके के मोटे अनाज उगाए जाते हैं, जिसमें पर्ल मिलेट (बाजरा), फिंगर मिलेट (रागी), फॉक्सटेल मिलेट (कंगनी), प्रोसो मिलेट (बारगु), सोरगम (ज्वार), लिटिल मिलेट (समाई), कोदो मिलेट (अरका) शामिल हैं।

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