भारत में 21 साल का हुआ फोन

Update: 2016-05-17 05:30 GMT
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आज 17 मई को विश्व दूरसंचार दिवस यानी वर्ल्ड टेलीकॉम डे है। यह सच है कि ‘दूरसंचार क्रांति’ की बदौलत ही भारत की गिनती आज विश्व के कुछ तेज गति से प्रगति कर रहे देशों में होती है। इस क्रांति के कारण शहरी भारत के साथ-साथ ग्रामीण भारत इंटरनेट का इस्तेमाल करने लगा है लेकिन इसकी वजह से कई नुकसान भी हुए जो अब चुनौतियों के रूप में उभर रही है। पहले जानते हैं गाँवों में दूरसंचार क्रांति के बारे में-

1880 में दो टेलीफोन कंपनियों ‘द ओरिएंटल टेलीफोन कंपनी लिमिटेड’ और ‘एंग्लो इंडियन टेलीफोन कंपनी लिमिटेड’ ने भारत में टेलीफोन एक्सचेंज की स्थापना करने के लिए भारत सरकार से संपर्क किया। इस अनुमति को इस आधार पर अस्वीकृत कर दिया गया कि टेलीफोन की स्थापना करना सरकार का एकाधिकार था और सरकार खुद यह काम शुरू करेगी। 

1881 में सरकार ने अपने फैसले के ख़िलाफ़ जाकर इंग्लैंड की ‘ओरिएंटल टेलीफोन कंपनी लिमिटेड’ को कोलकाता, मुंबई, मद्रास (चेन्नई) और अहमदाबाद में टेलीफोन एक्सचेंज खोलने के लिए लाइसेंस दिया। इससे 1881 में देश में पहली औपचारिक टेलीफोन सेवा की स्थापना हुई। 28 जनवरी, 1882  भारत के टेलीफोन इतिहास में ‘रेड लेटर डे’ है। इस दिन भारत के तत्कालीन गवर्नर-जनरल काउंसिल के सदस्य मेजर ई. बैरिंग ने कोलकाता, चेन्नई और मुंबई में टेलीफोन एक्सचेंज खोलने की घोषणा की। 

कोलकाता के एक्सचेंज का नाम ‘केंद्रीय एक्सचेंज’ था, जो 7, काउंसिल हाउस स्ट्रीट इमारत की तीसरी मंजिल पर खोला गया था। केंद्रीय टेलीफोन एक्सचेंज के 93 ग्राहक थे। मुंबई में भी 1882 में  ऐसे ही टेलीफोन एक्सचेंज का उद्घाटन किया गया था।

गाँवों पर दूरसंचार का असर

शहर के साथ-साथ गाँव में भी लोग अब मोबाइल और इंटरनेट का इस्तेमाल करने लगे हैं लेकिन इसकी वजह से गाँव के पारंपरिक खेलों, चौपालों और कई मनोरंजन के साधनों पर असर पड़ा है। गाँव में ज्यादातर लोग मोबाइल का इस्तेमाल सिर्फ गाने और फिल्में डाउनलोड करते हैं। इसकी एक वजह अशिक्षा भी है इस वजह से इंटरनेट और मोबाइल का इस्तेमाल किसी ज्ञानवर्धक विषयवस्तु में न होकर समय व्यर्थ करने में होने लगा है। 

कब शुरू हुआ था टेलीकॉम डे

विश्व दूरसंचार दिवस’ मनाने की परंपरा 17 मई, 1865 में शुरू हुई थी, लेकिन आधुनिक समय में इसकी शुरुआत 1969 में हुई। तभी से पूरे विश्व में इसे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इसके साथ नवम्बर, 2006 में टर्की में आयोजित पूर्णाधिकारी कांफ्रेंस में यह भी निर्णय लिया गया था कि ‘विश्व दूरसंचार’ एवं ‘सूचना’ व ‘सोसाइटी दिवस’, तीनों को एक साथ मनाया जाए।

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