भारत में ज्यादातर घरों में बुजुर्गों से किया जाता है दुर्व्यवहार: अध्ययन
नई दिल्ली (भाषा)। एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि बुजुर्ग व्यक्तियों के साथ उनके दुर्व्यवहार किया जाता है, भले ही उनकी आर्थिक या सामाजिक हालत, स्वास्थ्य स्थिति और परिवार में उनकी भूमिका जो भी हो।
पंद्रह जून को ‘संयुक्त राष्ट्र बुजुर्ग दुर्व्यवहार दिवस' के मौके पर गैर सरकारी संस्था ‘एजवेल फाउंडेशन' ने भारतीय घरों में बुजुगोंर् के साथ होती बदसुलूकी की वजह और इसका प्रभाव समझने के लिए अपने स्वयंसेवकों के मार्फत समूचे भारत के 323 जिलों के 3400 से ज्यादा बुजुर्गों से बातचीत की। इसका मुख्य केंद्र बुजुर्ग लोगों की जरुरत और अधिकारों पर था।
अध्ययन में पाया गया है कि 65 फीसदी वृद्ध गरीब हैं और उनकी आय का कोई ज्ञात स्रोत नहीं है। 35 प्रतिशत के पास धन या संपत्ति, बचत, निवेश, पैतृक धन या लायक बच्चे हैं। भले ही उनकी आर्थिक स्थिति जो भी हो, ज्यादातर बुजुर्गों के साथ किसी न किसी तरह का दुर्व्यवहार किया जाता है।
संयुक्त राष्ट्र के एक अनुमान के मुताबिक, सन् 2025 तक दुनिया भर में 60 साल या इससे ज्यादा आयु के बुजुर्गों की संख्या 1.2 अरब हो जाएगी और वैश्विक तौर पर करीब चार से छह प्रतिशत बुजुर्ग लोगों के साथ घर में किसी न किसी तरह का बुरा व्यवहार किया जाता है।
सर्वेक्षण में शामिल किए गए नौ प्रतिशत बुजुर्गों ने कहा कि उनका शारीरिक तौर पर उत्पीड़न होता है या हमला होता है, जबकि 13 फीसदी ने कहा कि उनकी बुनियादी जरुरतें पूरी नहीं की जाती हैं। अन्य 13 प्रतिशत का कहना है कि उन्हें मानसिक यातनाएं दी जाती है।