भारत-नेपाल खुली सीमा असुरक्षित, घुसपैठ का खतरा

Update: 2016-01-22 05:30 GMT
गाँव कनेक्शन, सिद्धार्थनगर

सिद्धार्थनगर। पंजाब से सटी पाकिस्तान की अतंरराष्ट्रीय सीमा पर बाड़े बंदी के बावजूद पठान कोट के एयरबेस पर आतंकियों के हमले ने सुरक्षा एजेसियों को झकझोर दिया है। इस घटना के बाद भारत-नेपाल सिद्धार्थनगर की लगभग 70 किमी की खुली सीमा पर ऐसे हमलों की आशंका से सुरक्षा तंत्र चौकन्ना हो गया हैं। एकदम सीमा से सट कर बने एसएसबी के आउट पोस्ट व चौकियां पठानकोट जैसे आतंकी हमले से गंभीर संकट में आ सकती हैं।

जनपद के लोटन विकास खण्ड के ग्राम ठुठरी बाजार से गुजरने वाली सड़क कब नेपाल में प्रवेश कर जाती है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। दरअसल सीमा पर भारत व नेपाल के गाँव सटे हुए हैं और इनके बीच सम्पर्क के लिए सड़कें भी बनी हुई हैं। यहां के निवासी अजय वीन ने बताया, ''भारत और नेपाल की सीमा पिलर संख्या 32 के पास कोई भी सुरक्षा गार्ड तैनात नहीं है। यहां से लोग आते जाते रहते हैं, उनकी चेकिंग भी नहीं होती है।"

सीमा के निर्धारण के लिए पिलर गाड़े गए हैं। गाँव कनेक्शन संवाददाता ने जब पिलर संख्या 31 व 32 के बीच भारत से नेपाल में जाने वाली सड़क का जायजा लिया तो मार्ग पर दोनों देशों की ओर से आने-जाने वालों का तांता लगा था। मार्ग पर एसएसबी की हरिवंशपुर आउट पोस्ट बनी हुई है। मगर आने-जाने वालों की जांच पड़ताल करने वाला कोई नहीं दिखा। सिद्धार्थनगर में एसएसबी की द्वितीय वाहिनी तैनात है। जिसकी कई चौकियां व आउट पोस्ट एकदम नेपाल सीमा से सट कर बनी हुईं हैं, इस सन्दर्भ में जब एसएसबी के कार्यवाहक सेनानायक अमित कुमार सिंह से बात की गई जो उन्होंने बताया, ''पठानकोट हमले के बाद एसएसबी एलर्ट की स्थिति में है। हमलोग खुफिया सूचनाओं के आधार पर काम करते हैं। खुली सीमा पर गश्त व निगरानी लगातार जारी है।"

पाकिस्तान की ओर से कश्मीर में आतंकवाद के उभार के बाद पाकिस्तान से सटे गुजरात, राजस्थान, पंजाब व जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में आईएसआई ने जबरदस्त घुसपैठ के जरिए भारत में आतंक की नर्सरी तैयार कर दी। 

इस खतरे से निपटने के लिए जब भारत सरकार ने पाकिस्तान सीमा पर बीएसएफ व सेना की तैनाती के साथ बाड़ लगाकर घुसपैठ को रोकने में सफलता हासिल की तो आईएसआई ने अपना पूरा ध्यान भारत-नेपाल की खुली सीमा पर लगा दिया। दो दशक पहले नेपाल के रास्ते भारत में आतंकी गतिविधियों में जबरदस्त इजाफा हुआ। नेपाल सीमा पर आतंकियों की गिरफ्तारी तथा हथियार व जाली नोटों की लगातार बरामदगी के बाद गृह मंत्रालय ने सन् 2002 में पूरी नेपाल सीमा पर एसएसबी की तैनाती कर दी। सीमा से सटे इलाकों में एसएसबी तो तैनात है मगर खुली सीमा के कारण घुसपैठ का खतरा हमेशा बरकरार है।

रिपोर्टिंग - दीनानाथ 

Similar News