नई दिल्ली (भाषा)। कांग्रेस ने आज कहा कि चुनावी फायदों के लिए सांप्रदायिक नफरत और अविश्वास पैदा कर रहे संघ परिवार से जुड़े लोगों पर मोदी सरकार का नियंत्रण नहीं करना संदेह पैदा करता है कि ये ध्रुवीकरण और विभाजन की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अल्पसंख्यक समुदाय पर बढ़ते कथित हमलों की बात की है जिनमें झारखंड के लातेहार जिले में दो मवेशी कारोबारियों को मारकर पेड़ से लटकाने की ताजा घटना शामिल है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता आजाद ने अपने दो पन्नों के खत में लिखा, ‘‘मैं बहुत निराशा के साथ यह कहने को विवश हूं कि जघन्यता और भीड़ की हिंसा के ऐसे घटनाक्रम दुनिया के उन कुछ हिस्सों की झलक देते हैं जहां लोकतंत्र नहीं है। ये भारत की घटनाएं नहीं दिखाई देती जहां कानून के शासन से संचालित एक जीवंत और धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र का व्यापक सम्मान होता है।' आजाद ने केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद डराने, धमकाने, भीड़ की हिंसा की घटनाओं में इजाफे की बात कही और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
उन्होंने कहा, ‘लोकतंत्र की बहुसंख्यकवादी राय सावधानीपूर्वक और जानबूझ कर पैदा की जा रही है। लोकतंत्र, बहुलवाद, सामाजिक समरसता और शांति पर गंभीर असर पड़ा है और देश का विकास भी प्रभावित हुआ है।' आजाद ने कहा, ‘‘सत्तारुढ़ पार्टी के मंत्री, सांसद और विधायक, नेता तथा संघ परिवार के संगठन समुदायों के विभाजन और ध्रुवीकरण केलिए लगातार भडकाऊ बयान दे रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘हैरानी की बात है कि ऐसे तत्वों पर लगाम कसने के लिए सरकार और भाजपानेतृत्व की ओर से कोई स्पष्ट प्रयास नहीं दिखाई दे रहा है जिससे संदेह बढ़ता है कि यह ध्रुवीकरण और विभाजन की सोची-समझीरणनीति का हिस्सा है।''