बिना एंबुलेंस कैसे बचेगी मरीजों की जान?

Update: 2016-05-22 05:30 GMT
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बाघराय (प्रतापगढ़)। जनपद के बाघराय क्षेत्र के मरीजों को 108 नंबर एंबुलेंस सुविधा नहीं मिल रही है और जिनको यह सुविधा मिलती भी है उनको काफी इंतजार करना पड़ता है। इसका मुख्य कारण पिछले 8 महीने से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बाघराय पर 108 एंबुलेंस का उपलब्ध न होना बताया गया।

बाघराय से मात्र 5 किमी. दूर नारंगपुर निवासी अरविन्द प्रताप सिंह (25 वर्ष) का पिछले सप्ताह एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें वे बुरी तरह जख्मी हो गए थे। 108 नंबर  पर कॉल की गयी पर घण्टों के इंतज़ार के बाद भी 108 एंबुलेंस सेवा उपलब्ध नहीं हो सकी। परिजन उन्हें किसी तरह जिला मुख्यालय ले आये, जहां से डॉक्टरों ने उन्हें इलाहाबाद रेफर कर दिया।

सिंह के अनुसार, काफी इंतज़ार के बाद उन्हें जिले से यूपी जी. 41 0882 नंबर की 108 एम्बुलेन्स उपलब्ध करायी गयी, जिसमें जीवनरक्षक उपकरण, ऑक्सीजन सिलेण्डर व एसी नदारद थे। जनपद मुख्यालय से 60 किमी. इलाहाबाद की यात्रा पीड़ित ने कैसे तय की होगी। इसका अन्दाजा लगाया जा सकता है। बाघराय से मात्र 4 किमी. दूर ग्राम बदली का पुरवा निवासी राम प्रसाद (38 वर्ष) का कहना है कि उसके परिवार के सदस्य राम सजीवन (45 वर्ष) की अचानक एक रात तबीयत बिगड़ने पर उसने 108 नंबर कॉल कर एम्बुलेन्स की मांग की। 

कई बार कॉल करने पर जब फोन उठा भी तो बताया गया कि बाघराय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर 108 एंबुलेंस ही नहीं है। 22 किमी. दूर हथिगवां से व्यवस्था की जा रही है, लेकिन दो घण्टे के बाद भी 108 एम्बुलेन्स उपलब्ध नहीं हो पायी। अन्ततः दूसरे साधनों का सहयोग लेकर पीड़ित का इलाज सम्भव हो पाया।

रिपोर्टर - गिरीश तिवारी

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