बिना गुणवत्ता जांच किए उत्पाद का प्रचार करने वालों के खिलाफ नया कानून: पासवान

Update: 2016-05-17 05:30 GMT
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पटना (भाषा)। केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने आज कहा कि बिना गुणवत्ता जांच किए उत्पादों का प्रचार करने वाले जिनमें सिलिब्रेटी भी शामिल हैं, के लिए मौजूदा उपभोक्ता संरक्षण कानून के स्थान पर प्रस्तावित नये कानून में 50 लाख रपये का जुर्माना और पांच साल के कारावास की सजा का प्रावधान किया जा रहा है।

पटना में आज पत्रकारों को संबोधित करते हुए पासवान ने कहा कि संसद की स्थायी समिति ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2016 को मंजूरी दे दी है और इसे संसद के अगले सत्र में पेश किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 1986 के उपभोक्ता संरक्षण कानून जिसका स्थान अब नया उपभोक्ता संरक्षण काननू लेगा में ऐसे उत्पाद जिनकी गुणवत्ता जांच किए बिना अभिनेताओं सहित सेलिब्रिटीज प्रचार करते हैं के विरद्ध कड़े प्रावधान किए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि हाल में ऐसे भ्रामक प्रचारों के खिलाफ आवाज उस समय उठनी शुरु हुई जब रीयल एस्टेट कंपनी आम्रपाली के प्रचार से क्रिकेटर एमएसधोनी ने अपने को अलग कर लिया था। कंपनी के ग्राहकों ने शिकायत की थी कि पूर्व में फ्लैट बुक किए जाने के बाद भी उन्हें उनका आवंटन नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा कि नये उपभोक्ता संरक्षण कानून में ऐसे धोखे वाले विज्ञापन पर वर्तमान दस लाख रपये का जुर्माना और दो साल के कारावास की सजा के प्रावधान को बढ़ाकर दस लाख रपये का जुर्माना और पांच साल का कारावास किया जाएगा।

रामविलास पासवान ने कहा कि नए उपभोक्ता संरक्षण कानून में उपभोक्ताओं के हित के लिए व्यापक स्तर पर प्रावाधन किया गया है वे खराब गुणवत्ता वाले उत्पादों को लेकर शिकायत अपने घर से ही 21 दिनों के भीतर ही कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि नए कानून में जिला उपभोक्ता अदालतों के लिए वर्तमान 20 लाख रपये के बजाय अब एक करोड़ रपये तक का तथा राज्य उपभोक्ता अदालत एक करोड़ रपये के स्थान पर अब 14 करोड़ रपये तक के उपभोक्ताओं के मामलों की सुनवाई हो सकेगी।

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