बेंगलुरू। देवी मूर्ति ने इलेिक्ट्रकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और उसके बाद बतौर प्रोडक्ट मैनेजर मैटल शीट के निर्माण में लग गईं। बाद में देवी मूर्ति ने आईआईएम बेंगलुरू से मास्टर्स इन एंटरप्रन्योरशिप की पढ़ाई की। देवी अपने प्रोजेक्ट मैनेजर के तौर पर मिले अनुभव को व्यर्थ नहीं होने देना चाहती थीं।
वे खुद कोई अपना काम शुरु करना चाहती थीं इसी दौरान उनके एक मित्र ने उन्हें खेती के उपकरण बनाने की सलाह दी। देवी को यह सलाह पसंद भी आई लेकिन वे किसी प्रकार का जोखिम भी नहीं लेना चाहती थीं इसीलिए उन्होंने दो साल रिसर्च की। वे किसानों से मिलीं और कई स्थानों का दौरा किया। अपनी इस रिसर्च में देवी ने पाया की किसानों को सच में खेती के लिए नए आधुनिक उपकरणों की जरूरत है।
खेती में लगे लोगों की संख्या लगातार कम हो रही थी, जिसका सीधा असर पैदावार पर हो रहा था। किसानों के पास बड़ी मशीनों को खरीदने के पैसे नहीं थे इसलिए वे खुद ही मेहनत कर रहे थे यह देख देवी ने महसूस किया कि यदि वे किसानों की इन उपकरणों के माध्यम से मदद कर पाई तो किसानों की जिंदगी थोड़ी आसान हो सकती है साथ ही पैदावार भी बढ़ेगी जो किसानों और देश के लिए अच्छा संकेत होगा।
देवी ने सन 2012 में ‘कमल किसान’ की नींव रखी। कमल किसान छोटे किसानों के लिए खेती में प्रयोग होने वाले उपकरण बनाकर देता है। इन उपकरणों की मदद से किसानों का काम आसान हो गया। यह उपकरण इस्तेमाल करने में सरल है, किसान आसानी से इनका इस्तेमाल कर अपनी मेहनत और समय बचा सकते हैं।
बाजार में जो बड़ी मशीनें किसानों के लिए हैं वो छोटे किसानों के लिए उपयुक्त नहीं हैं क्योंकि इनके पास ज्यादा बड़े खेत नहीं होते इसलिए छोटे किसानों के लिए उन मशीनों का प्रयोग करना बेहद महंगा सौदा भी है। छोटे किसानों को ऐसी मशीनों की जरूरत थी जो उनके छोटे-छोटे कार्यों को करने में मददगार हों, प्रयोग में आसान हों और साथ ही महंगा सौदा भी न हों। देवी ने कमल किसान के जरिए ऐसी ही मशीनें किसानों को मुहैया कराईं। ‘कमल किसान’ चार लोगों की एक टीम है और उन्होंने सबसे पहले अपना प्रोडक्ट ‘राइस ट्रांसप्लांटर’ लांच किया उसके बाद कई और मशीनों पर काम चल रहा है तो कई लांच हो चुकी हैं।
देवी बताती हैं,“ किसानों को मशीनों के प्रयोग के लिए मनाना काफी कठिन कार्य है क्योंकि किसानों को मशीनों पर भरोसा नहीं होता ऐसे में मुझे काफी दिक्कत आई लेकिन लगातार प्रयास से किसानों को हमारी बात समझ आने लगी।” किसान इन मशीनो के प्रयोग से आसानी से फसल की पैदावार बढ़ा सकते हैं।
देवी ज्यादातर समय ऑफिस से दूर किसानों के साथ खेतों में ही बिताती हैं। वो आगे बताती हैं, “जो किसान हमारी मशीनों को एक बार इस्तेमाल कर लेता है वो खुद ही लोगों को उस मशीन के फायदे के बारे में बताता है।”