चीन के साथ भारत संबंधों का मुख्य सिद्धांत मतभेदों को कम करना: प्रणब

Update: 2016-05-24 05:30 GMT
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गुआंगचऊ (भाषा)। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने चीन के शीर्ष नेतृत्व के साथ अपनी बातचीत से पहले आज कहा कि चीन के साथ भारत के संबंधों का मुख्य सिद्धांत समझौते वाले क्षेत्रों का विस्तार करना और मतभेदों को कम करना है।

दक्षिणी चीन के औद्योगिक शहर गुआंगचऊ से अपने चार दिवसीय चीन दौरे की शुरुआत करते हुए मुखर्जी ने कहा, ‘‘हम कभी भी मतभेदों को बढ़ाने में शामिल नहीं हैं, बल्कि हमने मतभेदों को कम किया है और समझौते वाले क्षेत्रों का विस्तार किया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह भारतीय कूटनीति का मुख्य सिद्धांत है।'' राष्ट्रपति चीन में भारत के राजदूत विजय गोखले की ओर से आयोजित स्वागत समारोह में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित कर रहे थे।

मुखर्जी ने संयुक्त राष्ट्र, विश्व बैंक, आईएमएफ और ब्रिक्स जैसे बहुपक्षीय मंचों पर भारत और चीन के बीच बढ़ते सहयोग की मिसाल दी और कहा कि दोनों देशों ने इन संस्थाओं में साथ मिलकर काम किया है।

प्रतिष्ठित परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता पर चीन का विरोध और जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी के तौर पर प्रतिबंधित करने के संयुक्त राष्ट्र के कदम को बाधित करने की चीन की कार्रवाई जैसे विषय मुखर्जी की गुरुवार को चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग समेत वहां के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत में आ सकते हैं।

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