चूक की वजह से हुआ जवाहरबाग कांडः मुख्यमंत्री

Update: 2016-06-03 05:30 GMT
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बाराबंकी (भाषा)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मथुरा के जवाहरबाग में अवैध कब्जेदारों और पुलिस के बीच हुए खूनी संघर्ष के लिये प्रशासन और खुफिया तंत्र की चूक स्वीकार करते हुए कहा कि पुलिस को हमलावरों की तैयारियों के बारे में जानकारी नहीं थी।

अखिलेश ने यहां विभिन्न विकास योजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में मथुरा में हुई वारदात पर दुख जाहिर करते हुए कहा ‘‘यह चूक भी है। मैं समझता हूं कि पुलिस को पूरी तैयारी और बातचीत के साथ वहां जाना चाहिये था, लेकिन जानकारी में नहीं था कि उनके (कब्जेदारों) पास इतना कुछ होगा।'' उन्होंने कहा कि कथित सत्याग्रही लोग सरकार की जमीन पर बैठे थे। उनसे कई बार बातचीत भी हुयी थी लेकिन इसके बाद भी वे नहीं हटे।

मथुरा में उद्यान विभाग की संपत्ति जवाहर बाग पर वर्ष 2014 से अवैध रुप से काबिज कथित सत्याग्रहियों को अदालत के आदेश पर गुरुवार की शाम हटाने गये पुलिस और प्रशासनिक दल पर बमों और बंदूकों से हमला किया गया था। इस वारदात में पुलिस अधीक्षक (नगर) मुकुल द्विवेदी और थानाध्यक्ष संतोष यादव की भी मौत हो गयी जबकि 22 उपद्रवी भी मारे गए।

कानून-व्यवस्था को खुली चुनौती देती जवाहरबाग की घटना के बाद सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर है। उनका कहना है कि सरकार ने वर्ष 2014 में कथित सत्याग्रहियों को जवाहरबाग पर कब्जा ही क्यों करने दिया। कब्जे के बाद राजनीतिक संरक्षण मिलने से उनके हौसले बढ़ते गए, नतीजतन कब्जा हटाने गये पुलिसकर्मियों पर दुस्साहसिक हमला हो गया।

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