दाल-सब्जियों के मनमाने दाम वसूले तो खैर नहीं

Update: 2015-11-04 05:30 GMT

मैनपुरी। अब दाल और सब्जियों की जमाखोरी करने वालों पर प्रशासन ने निगाहें टेढ़ी कर ली हैं। जिले में मूल्य नियंत्रण के लिए मूल्य अनुश्रवण प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा। ये प्रकोष्ठ दाल और सब्जियों की जमाखोरी और कालाबाजारी पर नजर रखेगी। साथ ही दालों की संग्रह सीमा तय कर सीमा से अधिक दाल रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।

सरकार ने बिचौलियों और दाल-सब्जी की जमाखोरी कर कालाबाजारी करने वालों पर अंकुश लगाने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में मूल्य अनुश्रवण प्रकोष्ठ का गठन करने का फरमान जारी किया है। इस प्रकोष्ठ में जिलाधिकारी के अलावा जिला खाद्य विपणन अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी, सचिव मंडी समिति, कृषि विपणन निदेशक और जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी को शामिल किया जाएगा।

मूल्य अनुश्रवण समिति आम लोगों तक आवश्यक वस्तुएं पहुंचाने के लिए सहकारी समितियों, फुटकर विक्रेताओं, राज्य कर्मचारी कल्याण निगम के अलावा गरीब बस्तियों में रिटेल आउटलेट खुलवाकर दालों और आलू-प्याज की थोक में बिक्री कराएगी। सब्जी-दालों के भाव आगरा-कानपुर और लखनऊ की मंडियों से तय किए जाएंगे। मूल्य अनुश्रवण समिति द्वारा दाल और सब्जियों की कालाबाजारी रोकने को छह माह की कार्ययोजना तैयार करनी होगी। इसके तहत सीमा से अधिक दाल-सब्जियां और खाद्य पदार्थों का संग्रह करने वालों के प्रतिष्ठानों पर छापा मारने और फुटकर बाजार में मूल्यों पर नियंत्रण रखने का कार्य किया जाएगा। 

प्रभारी जिला पूर्ति अधिकारी संजय मिश्र ने बताया कि प्रमुख सचिव द्वारा जारी निर्देशों में दाल और आवश्यक वस्तुओं के मूल्यों पर नियंत्रण रखने को मूल्य संवर्धन प्रकोष्ठ का गठन करने के निर्देश दिए हैं। यह प्रकोष्ठ जिलाधिकारी की अध्यक्षता में काम करेगा। क्षमता से अधिक दाल-सब्जियों का संग्रह करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और आम लोगों तक आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जाएगी।

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