नई दिल्ली (भाषा)। भारत में नशे का कारोबार तेजी से बढ़ा है। मादक पदार्थ रोधी एजेंसियों ने पता लगाया है कि इस कारोबार को गूढ़ ‘डार्कनेट', अनियंत्रित और अवैध मुद्रा बिटकॉइन के जरिए अंजाम दिया जा रहा है।
मादक पदार्थों की तस्करी और इनके अवैध इस्तेमाल को रोकने के लिए जिम्मेदार प्रमुख कानूनी और खुफिया एजेंसी स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने देश में सक्रिय इस तरह के दो अपराधिक तंत्रों को प्रतिबंधित किया है।
एनसीबी के महानिदेशक आर आर भटनागर ने बताया, ‘‘यह पहली बार है जब हमें देश में सक्रिय ऐसे दो अवैध ड्रग रैकेटों का पता चला है जो डार्कनेट और बिटकॉइन का इस्तेमाल कर रहे हैं। हमारी जांच में पता चला है कि इनमें से कुछ लोग भारत में मौजूद हैं और हम उनकी जांच कर रहे हैं।'' डार्कनेट इंटरनेट का बेहद गुप्त नेटवर्क है जिसका इस्तेमाल विशेष सॉफ्टवेयर, कॉन्फिगरेशन और प्राधिकार के जरिए ही किया जा सकता है और सामान्य कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल और पोर्ट के जरिए इसका पता लगाना बेहद मुश्किल है। बिटकॉइन डिजीटल करंसी या मुद्रा होती है जिसकी मदद से वैध बैंकिंग चैनल से बचकर इलेक्ट्रॉनिक लेन-देन किया जा सकता है।
एनसीबी प्रमुख ने बताया है कि प्रथम दृष्ट्या लगता है कि ये दोनों गिरोह पार्टियों में इस्तेमाल होने वाले नशीले पदार्थों का तस्करी में लिप्त हैं। उन्होंने कहा कि इंटरनेट पर नशीले पदार्थों के इन अपराधों के लिए बेहद गोपनीय तरीकों का अपनाया जाना चिंताजनक है लेकिन ऐसे अपराधों की समय रहते पहचान करने और उनसे प्रभावी ढंग से निबटने के लिए हम भी अपनी क्षमता बढ़ा रहे हैं। भटनागर ने यह भी कहा कि सीमा पार से होने वाली हेरोइन की तस्करी में कमी आई है।