लखनऊ। विश्व स्तनपान सप्ताह, विश्वभर के बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार और स्तनपान को लेकर महिलाओं में जागरूकता फैलाने के लिए हर वर्ष अगस्त महीने के पहले सप्ताह (एक अगस्त से सात अगस्त) में मनाया जाता है।
मां का दूध बच्चे के लिए अनमोल उपहार है। बच्चे के जन्म के तुरंत एक घंटे के अंदर मां का पहला दूध जो गाढ़ा पीला होता है, इसे स्थानीय भाषा में कोलेस्ट्रम या खीस भी कहते हैं। ये बच्चे को कई बीमारियों से बचाता है।
विवेकानंद पॉलीक्लीनिक की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ सुमिता अरोड़ा बताती हैं, “जन्म के बाद बच्चे के लिए मां का दूध उसे कई बीमारियों से बचाता है और उसके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और उसे डायरिया, निमोनिया व सेप्सिस जैसी कई बड़ी बीमारियों से बचाता है।”
वो आगे बताती हैं, “प्रसव के बाद एक घंटे के अंदर स्तनपान करवाने से मां में प्रसवोपरांत होने वाले रक्त स्त्राव के खतरे में कमी आ जाती है। इसलिए बच्चे को छह महीने तक सिर्फ मां का दूध ही दें। ”
विश्व स्वास्थ्य संगठन के रैपिड सर्वे ऑफ चिल्ड्रेन 2013-14 के अनुसार, प्रदेश में संस्थागत प्रसव क प्रतिशत तो लगभग 62 प्रतिशत बढ़ा है जबकि स्तनपान का स्तर अभी भी नीचे है। प्रदेश में केवल 22.5 प्रतिशत बच्चों को ही जन्म के एक घंटे के भीतर दूध पिलाया गया।
ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी पुरानी मान्यताओं के चलते महिलाएं प्रसव के दो तीन बाद ही बच्चे को दूध पिलाती हैं। लखनऊ जिले के गोसाई ब्लॉक के मोइज्जमनगर गाँव की रचना देवी 29 वर्ष बताती हैं, “मेरे एक बेटा और एक बेटी है। बेटी अभी दो साल की है लेकिन दूध पीती है जब वो हुई थी तो हमारी सास ने हमें दो दिन तक दूध नहीं पिलाने दिया था उन्होंने कहा था कि मैं अभी साफ सुथरी नहीं (माहवारी की वजह से) हूं तो शुद्धिकरण होगा पहले तब बच्चा दूध पीएगा।”
स्तनपान के लाभ
- मां के दूध में बच्चे के लिए आवश्यक प्रोटीन, वसा, कैलोरी, लैक्टोज, विटामिन, लोहा, खनिज, पानी और एंजाइम पर्याप्त मात्रा में होते है।
- मां का दूध पचाने में त्वरित और आसान होता है।
- यह बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जो कि भविष्य में उसे कई तरह के संक्रमणों से सुरक्षित करता है।
- यह बच्चे के मस्तिष्क के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का निभाता है।
- यह किफ़ायती और संक्रमण से मुक्त है।
- स्तनपान बच्चे और मां के बीच भावनात्मक बंधन को बढ़ाता है।
मां के लिए स्तनपान के लाभ
- यह स्तन व डिम्बग्रंथि के कैंसर की संभावना को कम करता है।
- यह प्रसव पूर्व खून बहने और एनीमिया की संभावना को कम करता है।
- यह मां को अपनी पुरानी शारीरिक संरचना वापस प्राप्त करने में सहायता करता हैं। स्तनपान कराने वाली माताओं के बीच मोटापा सामान्यत: कम पाया जाता है।