देश भर में वैध होंगे अपंगता प्रमाणपत्र

Update: 2016-05-17 05:30 GMT
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नई दिल्ली (भाषा)। अपंगता वाले लोगों के अधिकार विधेयक के मसौदे में राज्य प्राधिकारों से जारी अपंगता प्रमाणपत्रों को देश भर में वैध होने का प्रावधान किया गया है। मसौदे को विमर्श के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजा गया है।

सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने आज कहा, ‘‘हमने अपंगता वाले लोगों के अधिकार विधेयक, 2014 के मसौदे में एक नया प्रावधान किया है जिसके तहत एक बार जारी होने के बाद अपंगता प्रमाणपत्र देश भर में या केंद्र सरकार के किसी भी दफ्तर में वैध होगा।''       

गहलोत ने कहा, ‘‘मौजूदा अधिनियम में इस तरह का प्रावधान नहीं है। इस लिए यह होता है कि अगर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कोई अपंगता प्रमाणपत्र जारी होता है तो यह दिल्ली में या किसी अन्य राज्य में वैध नहीं होता है। इसलिए, अगर अपंग व्यक्ति स्थान बदलता है या शादी करता है और किसी अन्य राज्य में स्थानांतरित होता है तो वह दिक्कत का सामना करता है।''       

वह अपंगता वाले व्यक्तियों के लिए राज्य आयुक्तों की 14वीं वार्षिक बैठक के उद्घाटन के बाद बोल रहे थे। गहलोत ने कहा कि मसौदा विधेयक में अपंगता की उन श्रेणियों की संख्या 7 से बढ़ा कर 19 कर दी गयी है जिसे सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है।

नए विधेयक में पहुंच को कानूनी तौर पर अनिवार्य बना दिया है। यह अपंगता वाले व्यक्ति (समान अवसर, अधिकार एवं पूर्ण भागीदारी सुरक्षा) अधिनियम, 1995 की जगह लेगा। गहलोत ने कहा कि सरकार अगले दो माह में एक प्रायोगिक परियोजना के रुप में मध्यप्रदेश के रतलाम में वेब-आधारित अनूठी अपंगता पहचान (यूडीआईडी) कार्ड जारी करेगा।

यूडीआईडी कार्ड में नाम, पता, जन्मतिथि, मां-बाप या अभिभावक का नाम, मोबाइल फोन नंबर, आय हैसियत, अपंगता का प्रकार, बैंक खाता ब्योरा, बीपीएल ब्योरा और मतदाता पहचानपत्र ब्योरा इत्यादि अंग्रेजी और स्थानीय भाषा में पेश किया जाएगा।

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