देश का हर पांचवा खाद्य नमूना गड़बड़, यूपी में सबसे ज्यादा मिलावट

Update: 2015-12-10 05:30 GMT
गाँव कनेक्शन

लखनऊ। खाने-पीने की सामग्रियों की जांच करने वाली देश की सभी प्रयोगशालाओं में जांचे गए नमूनों में से हर पांच में से एक नमूना मिलावटी है और गलत तरीके से बेचा जा रहा है। ऐसे सबसे ज्यादा नमूने उत्तर प्रदेश में पाए गए, पंजाब दूसरे और मध्य प्रदेश तीसरे नंबर पर रहा।

उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 4,119 नमूने मिलावटी मिले, वहीं पंजाब में 1,458, मध्य प्रदेश में 1,412, गुजरात में 1,243, महाराष्ट्र में 1,162 और तमिलनाडु में 1,047 नमूनों में गड़बड़ी पाई गई। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 5.98 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है।

भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा खाद्य प्रयोगशालाओं में जांचे गए नमूनों की रिपोर्ट वेबसाइट पर जारी की गई, जिसमें यह तथ्य सामने आए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस साल अब तक ऐसे 2,795 मामलों में 10.93 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है, जबकि 1,402 मामलों में दोषियों के खिलाफ अपराध की रपट दर्ज कर ली गई है।

खाने-पीेने की सामग्री और भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण तब चर्चा में आए जब प्राधिकरण ने हाल ही में मैगी पर देश में बैन लगा दिया था, जिसे बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट ने हटा दिया। 

राज्य सरकारों द्वारा जुटाई गई इस रिपोर्ट के अनुसार 24 नवंबर 2014 तक देश भर की प्रयोगशालाओं में 83,265 नमूने आए जिसमें से 74,010 नमूने जांचे गए। जांचे गए नमूनों में से 14,599 नमूने मिलावटी पाए गए।

इसी वर्ष प्राधिकरण ने खाद्य उत्पाद निर्माताओं को आदेश दिया था कि भले ही उत्पाद बनाने की सामग्रियों को अलग-अलग सुरक्षित जांचा गया हो लेकिन उत्पाद तैयार होने के बाद फिर से उसकी जांच ज़रूर कराएं।

जन स्वास्थ्य के लिए उपयोगिता को समझते हुए केंद्र सरकार भी प्राधिकरण और अन्य राजकीय संस्थाओं को मज़बूत बनाने के लिए 1,750 करोड़ रूपए के प्रपोज़ल पर विचार कर रही है।

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