देश में रोज गिरते हैं सात पुल और भवन

Update: 2016-07-06 05:30 GMT
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लखनऊ। गोमती नदी के ऊपर बनाये गये पुल का एक बड़ा हिस्सा मंगलवार को ढह गया। हालांकि कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ लेकिन फिर एक बार पुल निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की पोल इस हादसे से खुल गई। हाल ही में पॉलीटेक्निक पुल का बड़ा हिस्सा गिर पड़ा था। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार भारत में हर रोज सात ढांचे गिरते हैं।

पुल पर हुए इस हादसे के बाद मौके पर पहुंचे अधिकारी सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुये कहा कि नीचे से मिट्टी काटने के कारण ऐसा घटना हुई है। प्रदेश में यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी पॉलीटेक्निक पुल का एक बड़ा हिस्सा ढह गया था। “पुल का हिस्सा नहीं गिरा है। सड़क का हिस्सा गिरा है। पुल और सड़क का हिस्सा जहां मिलता है उसी जोड़ के नीचे मिट्टी खिसक जाने के कारण ऐसी घटना हुई है। सिंचाई विभाग के अधिकारी नीचे से मिट्टी की कटाई कर रहे है इसके कारण यह हुआ।”

अधिशाषी अभियंता राजीव कुमार यादव ने बताया। फिलहाल पुल का दो लेन मार्ग बंद करके दो लेन पर वाहनों को जाने दिया जा रहा है। यह पुल उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड की तरफ से तीन जनवरी 2007 को बनाया गया था। मात्र 10 वर्ष के अंदर ही इस पुल का एक बड़ा हिस्सा गिर गया। “लगातार पुलों का हिस्सा गिरने से दहशत बना हुआ है। इसके साथ ही भ्रष्टाचार की पोल भी खुल रही है। एक पुल की अवधि कम से कम 30 वर्ष बताई जाती है लेकिन दस वर्ष के अंदर ही पुल धराशाही हो जा रहे हैं। इसके पीछे कौन अधिकारी जिम्मेदार है उनके ऊपर कार्रवाई करना चाहिए।” राहगीर अभय माहेश्वरी ने कहा।

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2010 से लेकर वर्ष 2014 तक देश में 13,473 ढांचे गिरे है जबकि पिछले इन पांच वर्षों में 13,178 लोगों की मौत हुई है। सबसे ज्यादा इस घटना में अपनी जान गंवाने वालों की संख्या उत्तर प्रदेश से है। प्रदेश में 2,065 लोगों की मौत हुई है। देश में प्रतिवर्ष जितने ढांचे गिरे हैं, उतने ही लोगों की लगभग मौत हुई है। वर्ष 2010 और 2011 में ढांचों के गिरने की संख्या से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। 

रिपोर्टर - गणेश जी वर्मा 

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