13 मई: आजाद भारत के पहले संसद सत्र की हुई थी शुरूआत

इसके अलावा आज ही के दिन 1998 में भारत ने वैश्विक दबाव के बावजूद परमाणु परीक्षण किया था।

Update: 2019-05-13 07:00 GMT

लखनऊ। 13 मई का भारतीय इतिहास में अपना एक खास महत्व है। देश के लोकतांत्रिक इतिहास में इस दिन को मील का पत्थर माना जाता है। स्वतंत्र भारत का पहला संसदीय सत्र 13 मई, 1952 को ही बुलाया गया था। तीन अप्रैल, 1952 को पहली बार उच्च सदन (राज्यसभा) का गठन किया गया था जबकि इसका पहला सत्र 13 मई, 1952 को आयोजित किया गया। इसी तरह 17 अप्रैल, 1952 को पहली लोकसभा का गठन किया गया जिसका पहला सत्र 13 मई, 1952 को बुलाया गया। इसके अलावा आज ही के दिन 1998 में भारत ने वैश्विक दबाव के बावजूद परमाणु परीक्षण किया था।

देश दुनिया के इतिहास में 13 मई की तारीख का अपना महत्व है-

1. 1830: इक्वाडोर गणराज्य की स्थापना हुई, जुआन जोस फ्लोरेंस इक्वाडोर के पहले राष्ट्रपति बने।

2. 1846 : अमेरिका और मैक्सिको के बीच पिछले एक साल से चल रहे तनाव के बीच अमेरिकी कांग्रेस ने अपने इस पड़ोसी देश के खिलाफ युद्ध का ऐलान किया।

3. 1905 : भारत के पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद का जन्म हुआ।

4. 1952 : स्वतंत्र भारत में संसद का पहला सत्र बुलाया गया।

5. 1960 : मैक्स इसेलीन के नेतृत्व में स्विटजरलैंड का एक खोजी दल हिमालय के धौलागिरी पर्वत शिखर पर पहुंचा।

6. 1962 : सर्वपल्ली राधाकृष्णन देश के दूसरे राष्ट्रपति बने।

7. 1978 : देश का पहला ध्वजवाहक जहाज आईएनएस दिल्ली सेवामुक्त हुआ।

8. 1981 : पोप जॉन पॉल द्वितीय को तुर्की के एक नागरिक ने वेटिकन सिटी के सेंट पीटर्स स्क्वॉयर में गोली मार दी। पोप इस हमले में गंभीर रूप से घायल हुए।

9. 1995 : दो बच्चों की मां एक ब्रिटिश महिला ने शेरपाओं की मदद और आक्सीजन के बिना एवरेस्ट फतह करने के कारनामे को अंजाम दिया।

10. 1998 : विश्व भर की आलोचना और दबाव की परवाह न करते हुए भारत ने दो और परमाणु परीक्षण किए।

11. 2001 : भारतीय साहित्‍य जगत के सबसे बड़े नामों में से एक आर के नारायण का निधन।

12. 2009 : यूरोपीय आयोग ने कंप्यूटर चिप बनाने वाली कंपनी इंटेल पर प्रतद्वंदी कंपनी के प्रति गलत व्यावसायिक नीतियां अपनाने के आरोप में एक अरब यूरो से अधिक का जुर्माना लगाया था। इसे इतिहास का सबसे बड़ा जुर्माना माना जाता है।

(भाषा से इनपुट)


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