ओला के ड्राइवर ने ओटीपी पूछकर ओला मनी वॉलेट से निकाल लिए पैसे
मुम्बई की वाणिज्य कम्पनियों में काम करने वाले विराज प्रसाद और नितिन माथुर को ओला ड्राइवर ने दिया धोखा। ओटीपी के ज़रिए 14 हज़ार ओला मनी की गायब।
लखनऊ। मुम्बई की वाणिज्य कम्पनियों में नौकरी करने वाले दो लोगों के साथ ओला कैब एप्लीकेशन के एक ड्राइवर ने 14000 रुपए का धोखा किया। शुक्रवार, 5 अप्रैल की सुबह जब उन दोनों ने कैब बुक की तो ड्राइवर ने उनसे ओटीपी (One time password) पूछा और उसके कुछ ही मिनटों में उनके ओला मनी वॉलेट से हज़ारों रुपए गायब हो गए।
टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट के मुताबिक, दोनों मुम्बई के जोगेश्वरी-विखरोली लिंक रोड पर बने एक रेसेडिंशियल कॉम्पलेक्स में रहते हैं। उन्हें एक ही ड्राइवर ने धोखा दिया। ओल का कहना है कि उन्होंने ड्राइवर को सस्पेंड कर दिया है।
विराज प्रसाद चॉर्टर्ड अकॉउन्टेंट हैं। विराज ने शुक्रवार की सुबह ओबरॉय स्पेलेंडर से प्रभादेवी में अपने ऑफिस के लिए कैब बुक की। जब उन्होंने ड्राइवर को फोन कर जानना चाहा कि वो कहां है तो ड्राइवर ने कहा कि उसे नियत स्थान (लोकेशन) पर पहुंचने में दिक्कत हो रही है। ड्राइवर ने विराज को कहा कि वो ओला द्वारा भेजा गया ओटीपी उसे बता दे। ये उस ओटीपी से अलग था जो कि सफर शुरू करने के लिए एप्लीकेशन में डालना पड़ता है। विराज ने बिना किसी शक के ड्राइवर को ओटीपी को बता दिया और उसके कुछ ही देर बाद उनकी ओला एप बंद हो गई। बाद में उन्हें पता चला कि उनके ओला मनी अकाउन्ट से 10,000 रुपए गायब हो गए हैं।
नितिन माथुर के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ। नितिन एक टॉप टीवी चैनल के साथ फाइनेंस एक्ज़ीक्यूटिव हैं। उन्होंने भी ओला बुक की और ड्राइवर ने उनसे भी ओटीपी पूछा, जिसके कुछ ही समय में उनके ओला मनी अकाउन्ट से 4000 रूपए उड़ गए।
विराज और नितिन दोनों को ही लगता है कि ड्राइवर ने किसी के साथ मिल के ओटीपी के ज़रिए उनके ओला एप्लीकेशन का इस्तेमाल कर ओला मनी से खरीददारी की होगी।
विराज प्रसाद ने ओला के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज़ कराई है तो वहीं नितिन माथुर ने ट्वीट कर अपना गुस्सा ज़ाहिर किया।
@ola_supports No response from you despite highlighting the fraud ... And no way to connect with you ? Pls call back immediately and return my money ... Am reporting this incident to the police to take action against @Olacabs and @olamoney_in for fraud and theft
— Nitin Mathur (@nitinmathur_611) April 5, 2019
ओला का कहना है कि, वो किसी से भी ओटीपी या उनकी आईडी वगैरह नहीं पूछते हैं। साथ ही लोगों को सतर्क करते रहते हैं कि वो किसी भी व्यक्ति को ये जानकारियां नहीं बताएं, उन्हें भी नहीं जो ओला से होने का दावा करते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि जब भी कोई नए फोन पर लॉग इन करने की कोशिश करता है तो उसके रजिस्टर्ड फोन नम्बर पर ही ओटीपी भेजा जाता है ताकि उसका गलत इस्तेमाल न हो। वकील प्रशांत माली ने कहा,
"ऐसे कुछ केस सामने आए हैं पर हम समझ पाने में असमर्थ हैं कि ये कैसे हो रहा है? कोई भी ट्रांसेक्शन बिना ओटीपी के नहीं हो सकता।"
ओला का कहना है कि वो किसी भी व्यक्ति की जानकारी ड्राइवर्स को नहीं देते हैं। जब कस्ट्यूमर ड्राइवर को फोन करते हैं तभी उनका नम्बर ड्राइवर को पता चलता है।