बिहार के 3.5 लाख नियोजित शिक्षकों को बड़ा झटका, नहीं मिलेगा समान कार्य के बदले समान वेतन

बिहार में समान कार्य के लिए समान वेतन को लेकर नियोजित शिक्षक काफी समय से आंदोलन कर रहे हैं। इनकी सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने नियोजित शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन का आदेश दिया था।

Update: 2019-05-10 07:28 GMT

लखनऊ। बिहार के करीब 3.5 लाख नियोजित शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए नियोजित शिक्षकों समान काम के बदले समान वेतन देने के फैसले से इंकार कर दिया। इससे पहले पटना हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में इन नियोजित शिक्षकों के लिए समान काम के बदले समान वेतन का आदेश दिया था और कहा था कि इन नियोजित शिक्षकों को बिहार के सरकारी शिक्षकों के बराबर ही वेतन मिलना चाहिए।

इस पर बिहार सरकार का कहना था कि नियोजित शिक्षक बिहार सरकार के नहीं बल्कि पंचायती राज्य निकाय के कर्मचारी है। इस वजह से उन्हें बिहार सरकार के शिक्षकों के बराबर वेतन नहीं मिल सकता। इसके बाद से समान कार्य के लिए समान वेतन को लेकर नियोजित शिक्षक काफी समय से आंदोलन कर रहे हैं।

आंदोलन के दौरान इनकी सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने नियोजित शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन का आदेश दिया था। लेकिन बिहार सरकार ने पटना हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से बिहार के 3.5 लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों को फिर से मायूसी हाथ लगी है।

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