योगेंद्र यादव ने केजरीवाल से पूछा, MCD चुनाव हारे तो दोबारा चुनाव कराएंगे
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी से अलग होकर वर्ष 2015 में 'स्वराज इंडिया' नाम से अपनी अलग पार्टी बनाने वाले योगेंद्र यादव ने शनिवार को आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरिवाल के नाम एक खुला पत्र लिखा। इसमें उन्होंने यह जिक्र करते हुए कि दो साल में अरविंद के नाम यह उनका पहला पत्र है और मांग की है कि अगर एमसीडी चुनाव में आपकी पार्टी हारती है तो 'रिकॉल' के सिद्धांत के अनुसार इस्तीफ़ा देकर, दोबारा जनमत लेंगे। अपने पत्र में उन्होंने बीजेपी को भी नहीं छोड़ा और दिल्ली के दुर्दशा के लिए पिछले दस साल से एमसीडी पर राज कर रही बीजेपी को ही जिम्मेवार बताया।
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उन्होंने पत्र में कहा 'दो साल पहले दिल्ली ने जो ऐतिहासिक जनादेश दिया था, वो किसी एक नेता या पार्टी का करिश्मना नहीं था। उसके पीछे हजारों वॉलेन्टीयर का त्याग और उनकी तपस्या थी। लेकिन इस करिश्में का सबसे बड़ा कारण था दिल्ली की जनता का आत्मबल। जनलोकपाल आंदोलन ने दिल्ली के लाखों नागरिकों को यह भरोसा दिलाया कि वो बेचारे नहीं हैं। वो नेताओं, पार्टियों और सरकारों से ज्यादा ताकतवर हैं। आज मैं उस आत्मबल को डगमगाते हुए देख रहा हूं। इसलिए पिछले दो साल में पहली बार आपसे संवाद कर रहा हूं और आपको रामलीला मैदान में किए रिकॉल के वादे की याद दिला रहा हूं।
दिल्ली के दुर्दशा के लिए बीजेपी को बताया जिम्मेदार
पिछले महीने में मुझे दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव के दौरान दिल्ली के कोने-कोने में जाने का मौका मिला। दिल्ली में चारों तरफ कूड़े के ढेर हैं, गंदा पानी रुका हुआ है। बदबूदार और खतरनाक हवा है। हर कोई जानता है कि इसकी पहली जिम्मेवारी पिछले दस साल से एमसीडी पर राज कर रही बीजेपी की है। लेकिन फिर भी बीजेपी बेशर्मी से इस चुनाव में खड़ी है और वोट मांग रही है।
ऐसे बहुत वोटर हैं जिन्होंने 2015 में ऐतिहासिक बदलाव के लिए वोट दिया था, लेकिन जो इस बार थक-हार के बीजेपी के पास वापिस जा रहे है। मैं पिछले महीने भर से सोच रहा हूं कि इस निक्कमी और भ्रष्ट सरकार को चलाने वाली बीजेपी को एमसीडी चुनाव में खड़े होने का मौका देने के लिए कौन जिम्मेवार है।' उल्लेखनीय है कि ये पत्र ऐसे समय जारी किया गया है, जब दिल्ली में एमसीडी चुनाव होने हैं और इसमें योगेंद्र यादव की पार्टी भी उतरी है। लोगों का जनमत हासिल करने के लिए योगेंद्र लगातार प्रयास कर रहे हैं।
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